मध्य प्रदेश की जलवायु
मध्य प्रदेश उपोष्ण कटिबंधीय (Sub-tropical) जलवायु क्षेत्र में स्थित है तथा यहाँ कि जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है।
कर्क रेखा मध्य प्रदेश के मध्य भागों में स्थित 14 जिलों रतलाम, उज्जैन, आगर-मालवा, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, उमरिया तथा शहडोल से होकर गुजरती है।
कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार, मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित झाबुआ, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा तथा बुरहानपुर जिलों की जलवायु (Aw) उष्ण कटिबंधीय सवाना एवं राज्य के अन्य भागों में (Cwg) शुष्क शीत वाली मानसूनी जलवायु पायी जाती है।
मध्य प्रदेश राज्य को उच्च भूमियों (High Lands) का प्रदेश कहा जाता है, क्योंकि इसके अधिकांश भागों की ऊँचाई समुद्र तल (Sea Level) से लगभग 300 मी. है।
मध्य प्रदेश एक भू-आवेष्ठित (Land Locked ) राज्य है अतः यहाँ पर महाद्वीपीय प्रकार की जलवायु पायी जाती है। राज्य के पश्चिम व उत्तर-पश्चिम में अर्द्ध शुष्क (Semi Arid), उत्तरी भागों में उप-आर्द्र (Sub-Humid), जबकि दक्षिण-पूर्वी क्षेत्रों में आर्द्र (Humid) जलवायु पायी जाती है।
मध्य प्रदेश, भारत के मध्य भाग में स्थित है। इसलिए राज्य में अधिकांश वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून की दोनों शाखाओं (अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी ) द्वारा होती है।
राज्य के उत्तर-पश्चिमी भागों में शीत ऋतु में लगभग 5 से 10 सेमी. वर्षा पश्चिमी विक्षोभ (शीतोष्ण कटिबन्धीय चक्रवात) से होती है। यह वर्षा रबी की फसल के लिए लाभकारी होती है इसलिए वर्षा को इन क्षेत्रों में मावठ कहते हैं।
भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले सभी कारकों का प्रभाव, मध्य प्रदेश की जलवायु पर भी पड़ता है।
राज्य की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक
- बंगाल की खाड़ी से निकटता
- उत्तर में हिमालय की उपस्थिति
- दक्षिण में पठार एवं पहाड़ियाँ
- धरातलीय उच्चावच
- काल बैशाखी (Norwesters)
- ग्रीष्मकालीन तूफान
- दक्षिण-पश्चिम मानसून की क्रियाशीलता
- भौगोलिक स्थिति एवं अक्षांशीय विस्तार
- समुद्र से दूरी
- मध्य प्रदेश राज्य में सामान्य औसत वर्षा 922.9 मिलीमीटर की तुलना में वर्ष 2021 (जून से सितम्बर तक ) में 941.6 मिमी तथा वर्ष 2022 (जून से सितम्बर तक) में इसी अवधि में 1131.8 मिमी. वर्षा दर्ज की गई। जो सामान्य औसत वर्षा से 22.64% अधिक रही।
- राज्य के उच्चावच में भिन्नता के कारण देश के अन्य भागों के समान मध्य प्रदेश की जलवायु में भी विविधता एवं मौसमी दशाएँ परिवर्तनशील होती हैं।
- देश के अन्य भागों के समान मध्य प्रदेश राज्य में भी भौतिक विविधता व उच्चावच में भिन्नता के कारण जलवायु में विविधता व परिवर्तनशील मौसमी दशायें पायी जाती हैं।
तापमान, वर्षा तथा वायुदाब के आधार पर मध्य प्रदेश की जलवायु को तीन ऋतुओं में बाँटा जा सकता है-
मध्य प्रदेश का जलवायु वर्गीकरण
- ग्रीष्म ऋतु (मार्च से मध्य जून तक)
- वर्षा ऋतु (मध्य जून से मध्य अक्टूबर तक)
- शीत ऋतु (मध्य अक्टूबर से फरवरी तक)
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