लाल-पीली मृदा (मध्य प्रदेश)

लाल-पीली मृदा (Red-Yellow Soil)

यह लेख लाल-पीली मृदा (Red-Yellow Soil) की उत्पत्ति, भौगोलिक विस्तार, रंग का कारण, कृषि उपयुक्तता तथा रासायनिक गुणों की जानकारी प्रदान करता है। विशेष रूप से मध्य प्रदेश के मण्डला, बालाघाट, सीधी एवं शहडोल जिलों में पाई जाने वाली इस मृदा की विशेषताओं को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया गया है।
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लाल-पीली मृदा का निर्माण प्राचीन रवेदार और रूपांतरित चट्टानों (Metamorphic Rocks) के अपरदन से हुआ है। मध्य प्रदेश में यह मृदा राज्य के कुल क्षेत्रफल के लगभग 36 प्रतिशत भू-भाग पर विस्तृत है, जो मुख्यतः बुंदेलखण्ड एवं बघेलखण्ड क्षेत्रों विशेषकर मण्डला, बालाघाट, सीधी एवं शहडोल जिलों में पायी जाती है।
इस मृदा में लाल रंग फेरिक ऑक्साइड की उपस्थिति के कारण तथा पीला रंग फेरिक ऑक्साइड की जल से क्रिया के कारण होता है। यह मृदा धान की कृषि के लिए सबसे उपयुक्त है।
यह अम्लीय प्रकृति की मृदा होती है। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एंव ह्यूमस की कमी होती है। यह मृदा प्रायः अनुर्वर (बंजर) भूमि के रूप में पायी जाती है।

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