मध्य प्रदेश में पंचायती राज एवं नगरीय निकाय MCQ प्रश्न और उत्तर | Panchayati Raj and Urban Bodies in Madhya Pradesh
byKartik Budholiya0
मध्य प्रदेश में पंचायती राज एवं नगरीय निकाय MCQ
"मध्य प्रदेश में पंचायती राज एवं नगरीय निकाय" पर आधारित यह MCQ सीरीज उन छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे MPPSC, MPSI, MPPEB और अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इस MCQ सेट में मध्य प्रदेश के पंचायती राज और नगरीय निकायों से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है, जैसे ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, नगरीय निकायों की संरचना, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, और इनकी कार्यप्रणाली, निर्वाचन प्रणाली, तथा संबंधित कानूनी और संवैधानिक प्रावधान।
प्रत्येक प्रश्न के साथ हिंदी में विस्तृत व्याख्या प्रदान की गई है, जो आपकी जानकारी को गहराई और स्पष्टता प्रदान करेगी। यह सीरीज मध्य प्रदेश में पंचायती राज और नगरीय निकायों के प्रशासनिक ढांचे से लेकर उनके विकास और सुधारों तक की पूरी जानकारी प्रदान करती है, जो परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
"मध्य प्रदेश में पंचायती राज एवं नगरीय निकाय" से संबंधित यह MCQ सेट न केवल आपकी परीक्षा की तैयारी को अधिक प्रभावी बनाएगा, बल्कि आपको विषय पर पूर्ण समझ और आत्मविश्वास भी प्रदान करेगा। इन प्रश्नों के माध्यम से आप प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे।
1. मध्य प्रदेश में पंचायती राज अधिनियम विधान सभा द्वारा कब पारित हुआ था?
(a) 29 दिसंबर, 1993
(b) 30 दिसंबर, 1993
(c) 31 दिसंबर, 1993
(d) 28 दिसंबर, 1993
व्याख्या: (b) 73वें संविधान संशोधन की अनुपालन में 29 दिसंबर, 1993 को राज्य विधानसभा में मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसे विधानसभा द्वारा 30 दिसंबर, 1993 को पारित कर दिया गया। इस विधेयक को 24 जनवरी, 1994 को तत्कालीन राज्यपाल डॉ. मोहम्मद शफी कुरैशी की स्वीकृति के पश्चात संपूर्ण मध्य प्रदेश में लागू किया गया।
2. प्रथम मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम का वर्ष क्या था?
(a) वर्ष 1956
(b) वर्ष 1959
(c) वर्ष 1962
(d) वर्ष 1965
व्याख्या: (c) 1 नवंबर, 1956 को राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के पश्चात मध्य प्रदेश राज्य का गठन किया गया, जिसमें पंचायती राज व्यवस्था को व्यवस्थित व क्रमिक रूप प्रदान करने के लिए वर्ष 1962 में काशी प्रसाद पांडे के नेतृत्व में गठित पांडे समिति अनुशंसा के आधार पर सर्वप्रथम मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1962 लागू किया गया और ग्राम पंचायत स्तर पर वर्ष 1965 में सर्वप्रथम चुनाव सम्पन्न करवाये गए किंतु जनपद पंचायत के चुनाव वर्ष 1971 में सम्पन्न करवाये गए।
टिप्पणी: वर्ष 1981 में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके लिए मध्य प्रदेश पंचायत अध्यादेश, 1981 लाया गया।
3. 74वां भारतीय संविधान संशोधन का संबंध किससे है?
(a) पंचायती राज से
(b) ग्राम सभा के गठन से
(c) सरपंच के चुनाव से
(d) नगरीय प्रशासन की व्यवस्था से
व्याख्या: (d) 74वां भारतीय संविधान संशोधन, 1992 का संबंध शहरी स्थानीय शासन के निकाय अर्थात नगरपालिका से है। 74वां संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा नगर पालिकाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया तथा इस संशोधन के माध्यम से संविधान में भाग-IX-क जोड़ा गया। 74वां संविधान संशोधन अधिनियम 1 जून, 1993 से लागू हुआ। संविधान के अनुच्छेद 243-त (243-P) से 243 य छ (243-ZG) तक नगर पालिकाओं से संबंधित उपबंध किये गये हैं। मध्य प्रदेश में 74वें संविधान संशोधन के क्रियांवयन हेतु मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम, 1994 पारित किया गया।
4. बुंदेलखंड एवं बघेलखंड को मिलाकर गठित संयुक्त प्रांत विंध्य प्रदेश में विंध्य प्रदेश पंचायत ऑर्डिनेंस कब बनाया गया ?
(a) वर्ष 1948
(b) वर्ष 1949
(c) वर्ष 1950
(d) वर्ष 1952
व्याख्या: (b) महात्मा गांधीजी के ग्रामीण स्वराज्य के आदर्श को दृष्टि में रखते हुए वर्ष 1949 में विंध्य प्रदेश पंचायत ऑर्डिनेंस बनाया गया। इस ऑर्डिनेंस से राज्य के ग्रामीण जनजीवन में एक नए युग का सूत्रपात हुआ। मध्य प्रदेश में कुल 12,776 गांव थे, इसमें 1806 ग्राम पंचायतें एवं 585 न्याय पंचायतें गठित की गई थीं।
टिप्पणी: विंध्य प्रदेश में 11 नगरपालिकाएं तथा एक नोटीफाइड एरिया कमेटी थी। प्रथम श्रेणी की नगरपालिकाएं (जनसंख्या 10,000 या अधिक) निम्न थीं-
रीवा
सतना
पन्ना
टीकमगढ़
छतरपुर
दतिया
द्वितीय श्रेणी की नगरपालिकाएं (जनसंख्या 10,000 से कम) निम्न थीं-
मैहर
शहडोल
उमरिया
नौगांव
महाराजपुर
नोटीफाइड एरिया कमेटी सिर्फ सीधी में थी। प्रशासन की दृष्टि से विंध्य प्रदेश 1 जिले विंध्य प्रदेश आठ जिलों में विभक्त किया गया था, जो निम्नलिखित थे-
रीवा
सतना
शहडोल
सीधी
छतरपुर
टीकमगढ़
पन्ना
दतिया
विशेष: विंध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में कलेक्टर तथा तहसील में तहसीलदार व गिर्दावरों के माध्यम से शासन कार्य संपादित होता था तथा विंध्य प्रदेश में 26 तहसीलें थीं।
5. 73वें संविधान संशोधन के अंतर्गत 1993 में पंचायती राज व्यवस्था लागू करने वाला प्रथम राज्य कौन सा था?
(a) राजस्थान
(b) कर्नाटक
(c) गुजरात
(d) मध्य प्रदेश
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश 73वें संविधान संशोधन के अंतर्गत वर्ष 1993 में पंचायती राज व्यवस्था लागू करने वाला प्रथम राज्य है। संविधान के 73वें संशोधन के अनुसार पुनः 29 दिसंबर, 1993 को राज्य विधानसभा में मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसे विधानसभा द्वारा 30 दिसंबर, 1993 को पारित कर दिया गया। तत्पश्चात पंचायतों व नगरीय प्रशासन का चुनाव सम्पन्न करने के लिए 19 जनवरी, 1994 को मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का गठन किया गया तथा मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का प्रथम आयुक्त श्री एन. पी. लोहानी को नियुक्त किया गया।
6. मध्य प्रदेश की जिस ग्राम पंचायत की आबादी एक हजार से कम होती है वहां कितने वार्ड होते हैं?
(a) 10
(b) 15
(c) 20
(d) 25
व्याख्या: (a) पंचायत के तीनों स्तर के निर्वाचन क्षेत्रों को विभाजित करने की व्यवस्था विधेयक में अधोलिखित की गई है-
ग्राम पंचायत
* एक हजार तक की आबादी वाली ग्राम पंचायत में कम से कम 10 वार्ड
* एक हजार से ऊपर की आबादी वाली ग्राम पंचायत में अधिकतम 20 वार्ड
* सभी वार्डों की जनसंख्या सामान्यतः एक सी होगी।
जनपद पंचायत
* प्रत्येक 5000 की आबादी के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र होगा, परंतु जहां खंड की जनसंख्या 50,000 से कम है वहां कम से कम 10 निर्वाचन क्षेत्र होंगे किंतु कुल निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 25 से अधिक नहीं होगी। सभी क्षेत्रों की जनसंख्या सामान्यतः एक सी होगी।
जिला पंचायत
* प्रत्येक 50,000 जनसंख्या के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र होगा।
* जिले की जनसंख्या 5 लाख से कम होने पर कम से कम 10 क्षेत्र होंगे, किंतु कुल निर्वाचन क्षेत्र 35 से अधिक नहीं होंगे। सभी क्षेत्रों की जनसंख्या सामान्यतः एक सी होगी।
7. पंचायत राज संस्थाओं में मध्य प्रदेश की महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के उपरांत 2009-10 निर्वाचन में कुल कितने प्रतिशत महिला जन प्रतिनिधि निर्वाचित हुई?
(a) 48 प्रतिशत
(b) 52 प्रतिशत
(c) 58 प्रतिशत
(d) 61 प्रतिशत
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं में 30 मार्च, 2007 में महिलाओं का आरक्षण 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया गया है। वर्ष 2009-10 के चतुर्थ सामान्य निर्वाचन में कुल 3.97 लाख प्रतिनिधि निर्वाचित हुए थे, जिसमें 52 प्रतिशत महिलाएं निर्वाचित हुई थीं।
8. पंचम सामान्य निर्वाचन के दौरान त्रिस्तरीय पंचायतों में कुल कितने प्रतिनिधि निर्वाचित हुए?
(a) 2.57 लाख
(b) 2.97 लाख
(c) 3.97 लाख
(d) 3.84 लाख
व्याख्या: (d) वर्ष 2015 में पंचायत राज संस्थाओं के सामान्य निर्वाचन शांति पूर्ण ढंग से नियत अविधि में सम्पन्न कराये गये, जिसमें प्रदेश की 51 जिला पंचायतों, 313 जनपद पंचायतों एवं 22825 ग्राम पंचायतों में 3.84 लाख पदाधिकारी निर्वाचित हुए। पंचम सामान्य निर्वाचन में 52.59 प्रतिशत महिला जन प्रतिनिधि निर्वाचित हुई।
9. मध्य प्रदेश पंचायत सचिव भर्ती एवं सेवा शर्तें नियम 2011 कब प्रभावशील किया गया?
(a) 23 मार्च, 2011
(b) 23 मार्च, 2012
(c) 1 अप्रैल, 2011
(d) 1 अप्रैल, 2012
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश पंचायत सचिव भर्ती एवं सेवा शर्ते नियम, 2011 को 23 मार्च, 2011 को प्रभावशील किया गया। मध्य प्रदेश राजपत्र (असाधारण) में 6 जनवरी, 2011 को प्रकाशित प्रारूप नियम के अनुसार इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्य प्रदेश पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम, 2011 है। इसका विस्तार संपूर्ण मध्य प्रदेश राज्य पर होगा तथा ये मध्य प्रदेश राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे।
टिप्पणी: वर्ष 2011 से मध्य प्रदेश शासन द्वारा ग्राम पंचायत सचिव को जिलेवार कैडर प्रदान कर उनका पदनाम पंचायत कर्मियों से परिवर्तित करते हुए ग्राम पंचायत सचिव किया गया है।
10. मध्य प्रदेश में स्वतंत्र पंचायत राज निदेशालय संचालनालय की स्थापना क्यों की गई?
(a) पंचायत राज संस्थान प्रणाली को सशक्त बनाने हेतु
(b) पंचायत राज संस्थान को स्वतंत्र बनाने हेतु
(c) पंचायत राज संस्थान पर अधिक नियंत्रण करने हेतु
(d) पंचायत राज द्वारा कर लगाये जाने हेतु
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में पंचायती राज संस्थान प्रणाली को सशक्त बनाने एवं प्रशासनिक गतिविधियों व दायित्वों को दृष्टिगत रखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन स्वतंत्र पंचायत राज संचालनालय का गठन 6 दिसंबर, 2007 को किया गया है। यह संचालनालय 1 अप्रैल, 2008 से संचालित है। संचालनालय स्तर पर आयुक्त विभागाध्यक्ष होते हैं।
11. मध्य प्रदेश में पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास निगम की स्थापना कब की गई?
(a) वर्ष 1978
(b) वर्ष 1980
(c) वर्ष 1981
(d) वर्ष 1983
व्याख्या: (c) वर्ष 1981 में पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास निगम की स्थापना पंचायत राज संस्थाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से की गई थी। यह निगम वर्तमान में परिसमापन की स्थिति में है। निगम के परिसमापक पदेन आयुक्त, पंचायत राज है। त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के तहत निर्वाचित पंचायत पदाधिकारियों एवं पंचायत के कार्य संपादन हेतु पदस्थ अमले को पंचायत की गतिविधियों के क्रियांवयन हेतु प्रदेश में 7 पंचायत सचिव प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किये गये हैं। पंचायत सचिव, प्रशिक्षण संस्थान शिवपुरी, नौगांव जिला छतरपुर एवं मुलताई जिला बैतूल सतत रूप से संचालित हैं। इसके अतिरिक्त जिला इंदौर, उज्जैन, जबलपुर एवं रीवा में 4 नवीन प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किये गये हैं।
12. मध्य प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं का कौन सा सामान्य निर्वाचन संपन्न करवाये जाने के पूर्व पंचायतों का परिसीमन कराया गया?
(a) वर्ष 1994-95
(b) वर्ष 1999-2000
(c) वर्ष 2004-05
(d) वर्ष 2009-10
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं का वर्ष 2004-05 में तृतीय सामान्य निर्वाचन संपन्न करवाये जाने के पूर्व पंचायतों का परिसीमन कराया गया था। वर्ष 1994 में पंचायती राज अधिनियम मध्य प्रदेश में प्रभावी होने से लेकर वर्ष 2015 तक में कुल 5 सामान्य निर्वाचन सम्पन्न करवाये गये है। षष्टम सामान्य निर्वाचन वर्ष 2020-21 में संपन्न होने थे किंतु कोविड संक्रमण के दृष्टिगत वर्ष 2022 के अंतर्गत षष्टम सामान्य निर्वाचन चुनाव संपन्न करवाये गए।
13. मध्य प्रदेश में वर्ष में कितनी ग्राम सभाएं आयोजित की जाती है?
(a) 04
(b) 06
(c) 09
(d) 12
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में एक वर्ष के अंदर कम से कम 4 ग्राम सभाएं आयोजित होना अनिवार्य है। 25 जनवरी, 1994 को संपूर्ण मध्य प्रदेश में लागू पंचायती राज अधिनियम की धारा-5 (क) के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक गांव के लिए ग्राम सभा होगी तथा धारा 7 के अनुसार ग्राम स्तर पर पंचायत क्षेत्र के भीतर समाविष्ट किसी राजस्व ग्राम या वन ग्राम से संबंधित निर्वाचित नियमावलियों में रजिस्ट्रीकृत व्यक्तियों से मिलकर बनने वाला निकाय ग्राम सभा है तथा धारा 10 के अनुसार ग्राम सभा का सदस्य वही व्यक्ति हो सकता है, जिसका नाम ग्राम की मतदाता सूची में जुड़ा हुआ हो।
14. मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत प्रारंभ में ग्राम सभा में कितनी समितियां गठित की जातीं थीं?
(a) 01
(b) 04
(c) 06
(d) 08
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत प्रारंभ में 08 ग्राम समितियां गठित की जातीं थीं तथा पंचायत समितियों का कार्यकाल पांच वर्ष होता था। पंचायत समितियां अपना अध्यक्ष स्वयं चुनती थीं तथा उनका मुख्य प्रशासनिक अधिकारी खंड विकास अधिकारी (Block Development Officer) होता था।
15. मध्य प्रदेश में संभाग स्तर पर सर्वश्रेष्ठ जनपद पंचायत को कितनी राशि से पुरस्कृत किया जाता है?
(a) 10 लाख
(b) 5 लाख
(c) 3 लाख
(d) 1 लाख
व्याख्या: (b) विकासात्मक गतिविधियों में प्राप्त की गई श्रेष्ठता के आधार पर ग्राम पंचायतों को पुरस्कार देने की योजना वर्ष 1987 से प्रदेश में क्रियांवित है। वर्ष 1996-97 में पंचायत पुरस्कार योजना को नया प्रारूप प्रदान किया गया है। प्रत्येक विकास खंड स्तर पर सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत को 25,000 रूपए, संभाग स्तर पर सर्वश्रेष्ठ जनपद पंचायत को 5 लाख रूपए तथा सर्वश्रेष्ठ पंचायत को 25 लाख रूपए का पुरस्कार दिया जाता है।
16. पंचायत दर्पण क्या है?
(a) भ्रष्टाचारी का भांडाफोड़ करने हेतु पंचायतों को दिया गया दर्पण
(b) सभी पंचायतों को शासन द्वारा प्रदत्त बड़े आकार का दर्पण
(c) पंचायतों की योजनाओं की मॉनिटरिंग एवं क्रियांवयन हेतु शासन द्वारा निर्मित वेबसाइट
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेश की समस्त पंचायतों की योजनाओं की मॉनिटरिंग एवं क्रियांवयन हेतु पंचायत दर्पण नामक वेबसाइट तैयार की गई है, जिसका शुभारंभ 1 मई, 2014 को प्रदेश की राजधानी भोपाल में तत्कालीन मुख्य सचिव एंटनी डीसा ने किया था। मध्य प्रदेश के वेब पोर्टल पंचायत दर्पण को स्कॉच अवॉर्ड मेरिट 2013 से भी पुरस्कृत किया गया है।
17. मध्य प्रदेश में पंच परमेश्वर पोर्टल एवं पंच परमेश्वर एप्स का शुभारंभ कब किया गया?
(a) 27 नवंबर, 2017
(b) 27 दिसंबर, 2017
(c) 27 नवंबर, 2018
(d) 27 नवंबर, 2018
व्याख्या: (a) 27 नवंबर, 2017 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने पंच परमेश्वर पोर्टल एवं पंच परमेश्वर ऐप का शुभारंभ किया। ग्राम पंचायतों के समस्त कार्य-व्यवहार को पब्लिक डोमेन पर प्रदर्शित किया जाएगा। इस प्रकार का पोर्टल एवं ऐप शुरू करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है। इस पोर्टल एवं ऐप पर ग्राम पंचायतों को प्राप्त होने वाली समस्त राशियों एवं उनके व्यय का संपूर्ण वितरण बिलवार उपलब्ध होगा। ग्राम पंचायतों द्वारा किए जाने वाले समस्त कार्यों की वास्तविक स्थिति के फोटोग्राफ जीपीएस लोकेशन सहित इस पोर्टल एवं ऐप पर उपलब्ध रहेंगे। इस भुगतान व्यवस्था से ग्राम पंचायतों के समस्त वित्तीय अभिलेख स्वतः ही ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगे। ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली को सुगम, पारदर्शी तथा उत्तरदायी बनाने हेतु सूचना एवं प्रौद्योगिकी की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया गया है।
18. ग्राम ई-ग्राम स्वराज मोबाइल एप्स कब लांच किया गया?
(a) 24 मार्च, 2020
(b) 24 अप्रैल, 2020
(c) 24 मई, 2020
(d) 24 जून, 2020
व्याख्या: (b) 24 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर सभी ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार करने और उसे लागू करने के लिए एक इंटरफेस प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप्स लांच किए हैं, जिसे ई-पंचायत एप्स के नाम से भी जाना जाता है। केंद्र सरकार द्वारा लांच किये गये ई-ग्राम पंचायत पोर्टल और मोबाइल ऐप्स को प्रयोगिक रूप से सर्वप्रथम मध्य प्रदेश व उत्तरप्रदेश राज्य में अनिवार्य किया गया।
19. मध्य प्रदेश में जिला पंचायत की संख्या कितनी है?
(a) 49
(b) 52
(c) 16
(d) 21
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश में कुल जिला पंचायतों की संख्या 52 है तथा 52वीं जिला पंचायत के रूप में निवाड़ी का गठन 15 मई, 2019 को किया गया है। ध्यातव्य है कि निवाड़ी जिले का गठन 52वें जिले के रूप में 1 अक्टूबर, 2018 को किया गया है।
20. वर्ष 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में कितनी ग्राम पंचायतें हैं?
(a) 23922
(b) 23006
(c) 24010
(d) 24720
व्याख्या: (a) वर्ष 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 23922 तथा जनपद पंचायतों की कुल संख्या 313 एवं जिला पंचायतों की कुल संख्या 52 है।
21. निम्नलिखित स्थानीय निकायों को अपने पद स्थान के अनुसार बढ़ते क्रम में लगायें।
(a) नगर पालिका, नगर निगम, नगर पंचायत
(b) नगर पंचायत, नगर निगम, नगर पालिका
(c) नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम
(d) नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश में 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के क्रियांवयन के लिए मध्य प्रदेश नगरपालिका विधेयक 30 दिसंबर, 1993 पारित किया गया, जिसके अंतर्गत मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय नगरीय निकायों की स्थापना की गई है। इसके निचले स्तर पर नगर पंचायत, द्वितीय स्तर पर नगर पालिका तथा तीसरे स्तर पर नगर निगम स्थापित किये गये हैं।
22. मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम है-
(a) जबलपुर
(b) भोपाल
(c) इंदौर
(d) ग्वालियर
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में सर्वप्रथम स्वायत्त शासन का प्रारंभ 1864 ई. में जबलपुर नगर में नगर पालिका की स्थापना से हुआ। वर्ष 1967 में मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम पारित हुआ, जो पूरे मध्य प्रदेश में एक साथ लागू हुआ। जबलपुर सीटी एक्ट के द्वारा वर्ष 1950 में जबलपुर नगर पालिका को जबलपुर नगर निगम में बदल दिया और इस प्रकार वर्ष 1950 में मध्य प्रदेश का पहला नगर निगम अस्तित्व में आया।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश में नगरीय प्रशासन का प्रारंभ ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1864 ई. में जबलपुर नगर पालिका व वर्ष 1950 में जबलपुर नगर निगम द्वारा हुआ तथा वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश पुनर्गठन के समय इंदौर को नगर निगम का दर्जा प्रदान किया गया।
23. मध्य प्रदेश के पुनर्गठन के पूर्व मध्य भारत राज्य की पंचायत प्रणाली में समानता के दृष्टिकोण से मध्य भारत पंचायत अधिनियम कब लागू किया गया?
(a) 17 जून, 1947
(b) 17 जून, 1948
(c) 17 जून, 1949
(d) 17 जून, 1950
व्याख्या: (c) मध्य भारत राज्य की स्थापना 28 मई, 1948 को की गई थी। ग्वालियर, इंदौर तथा मालवा संयुक्त प्रांत को मिलाकर मध्य भारत राज्य की स्थापना की गई थी। पंचायत प्रणाली में समानता की दृष्टि से मध्य भारत में 17 जून, 1949 के विधान क्रमांक 58 के आधार पर मध्य भारत पंचायत अधिनियम लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत जिला स्तर पर मंडल पंचायतों, खंड स्तर पर केंद्र पंचायतों एवं ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायतों की स्थापना की गई।
टिप्पणी: वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के समय मध्य भारत क्षेत्र में मध्य भारत पंचायत अधिनियम, 1949 के अंतर्गत 4088 ग्राम पंचायतें, 107 केंद्र पंचायतें, 16 मंडल पंचायतें तथा 489 न्याय पंचायतें थीं।
24. इंदौर नगर पालिक निगम (आई.एम.सी.) किस वर्ष में स्थापित किया गया था?
(a) वर्ष 1962
(b) वर्ष 1958
(c) वर्ष 1956
(d) वर्ष 1962
व्याख्या: (c) इंदौर शहर का प्राचीन नाम इंद्रेश्वर था, जो इंद्रेश्वर मंदिर के नाम पर रखा गया था। इंदौर की स्थापना 1818 ई. में की गई थी तथा इंदौर को होल्कर शासन के अंतर्गत 1870 ई. में प्रथम नगर पालिका घोषित किया गया था, जिसके प्रथम अध्यक्ष बक्शी खजन सिंह नियुक्त किये गये थे। वर्ष 1906 में इंदौर शहर के लिए विद्युत आपूर्ति हेतु वर्ष 1909 में फायर ब्रिगेड की स्थापना की गई थी। वर्ष 1918 में प्रसिद्ध वास्तुकार टाउन प्लानर पैट्रिक गेडेस ने इंदौर शहर के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया था तथा उसके बाद इंदौर के लिए परिवहन संरचना का मास्टर प्लान श्री स्टीमर ने तैयार किया था। वर्ष 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के साथ इंदौर को नगर निगम का दर्जा प्रदान किया गया।
25. मध्य प्रदेश के पुनर्गठन के पूर्व भोपाल राज्य की प्रथम राज्य नगरीय निकाय संस्था मजलिस-ए-इंतेजामिया की स्थापना कब की गई थी?
(a) वर्ष 1905
(b) वर्ष 1907
(c) वर्ष 1909
(d) वर्ष 1918
व्याख्या: (b) वर्ष 1907 में तत्कालीन भोपाल राज्य की प्रथम नगरीय निकाय संस्था मजलिस-ए-इंतेजामिया की स्थापना की गई थी। आरंभ के वर्षो में भोपाल नगर निकाय का संचालन 20 सदस्यीय समिति करती थी, जिसके अध्यक्ष श्री अब्दुल करीम बाबू मिया व उपाध्यक्ष श्री दीनदयाल थे। वर्ष 1983 में भोपाल को नगर निगम का दर्जा प्रदान किया गया तथा भोपाल नगर निगम के प्रथम महापौर श्री आर. के. बिसारिया थे।
26. मध्य प्रदेश में जिला योजना समिति के सदस्य सचिव कौन हैं?
(a) सांसद
(b) विधायक
(c) जिलाधीश
(d) जिला पंचायत अध्यक्ष
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश में 74वें संविधान संशोधन द्वारा अनुच्छेद-243 (य, घ) अंतर्गत विभिन्न जिलों में जिला योजना समिति के गठन का प्रावधान किया गया है। इन समितियों में पंचायत राज संस्थाओं तथा जिले की नगरीय निकाय के 80 प्रतिशत सदस्य सम्मिलित किये गये हैं। जिला योजना समितियों को और अधिक सशक्त एवं सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में जिला योजना समिति अधिनियम पारित किया गया। जिला योजना समिति (संशोधन) अधिनियम, 2004 के प्रावधानों के तहत जिले के प्रभारी मंत्री को ही जिला योजना समिति के अध्यक्ष के रूप में एवं संबंधित जिले के कलेक्टर को जिला योजना समिति के पदेन सदस्य सचिव के रूप में मनोनीत किये जाने का प्रावधान है।
27. मध्य प्रदेश नगरपालिका निगम अधिनियम, 1956 के अनुसार राज्य के प्रत्येक नगर पालिका क्षेत्र में अधिकतम कितनी संख्या में वार्ड का गठन किया जा सकता है?
(a) 80
(b) 50
(c) 70
(d) 60
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश शहरी ग्रामीण संबंध समिति द्वारा सिफारिश की गई थी कि उस क्षेत्र में नगर निगम स्थापित किए जाएं, जहां जनसंख्या 5 लाख व आय करोड़ रूपए वार्षिक हो। सामान्यतः एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों में नगर निगम स्थापित किये जाते हैं तथा इसकी सदस्य संख्या न्यूनतम 40 व अधिकतम 70 हो सकती है। नगर निगम परिषद में क्षेत्र के लोगसभा, राज्यसभा व विधानसभा के पदेन सदस्य होते हैं। 6 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं।
28. मध्य प्रदेश में जल स्त्रोतों का निर्माण और रख-रखाव (संरक्षण)......के कार्यों के तहत आता है?
(a) जिला पंचायत
(b) जनपद पंचायत
(c) ग्राम पंचायत
(d) ग्राम सभा
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश में 73वें संविधान संशोधन, 1992 को लागू करने के लिए 30 दिसंबर, 1993 को मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1993 पारित किया गया, जिसे 25 जनवरी, 1994 को लागू किया गया। ग्राम पंचायतें अपने गांव की साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था, आंगनवाड़ियों का संचालन, प्रकाश व्यवस्था, ग्रामीण विकास कार्यक्रमों की निगरानी आदि का कार्य करती हैं। अत: मध्य प्रदेश में जल स्त्रोतों का निर्माण और रख-रखाव (संरक्षण) ग्राम पंचायत के कार्यों के अंतर्गत आता है।
29. मध्य प्रदेश में गांवों की सड़क, भवन, पुल, शौचालय, कुएं आदि का निर्माण कराना किसकी जिम्मेदारी है?
(a) जिला पंचायत
(b) जनपद पंचायत
(c) जिला कलेक्टर
(d) ग्राम पंचायत
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था को लागू किया गया है। इन सभी के बीच कार्यों का भी स्पष्ट विभाजन किया गया है। गांवों में सड़क, भवन, पुल, शौचालय, कुएं आदि का निर्माण कराने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को सौंपी गई है।
30. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
(a) मध्य प्रवेश में 50 जिला पंचायतें व 313 जनपद पंचायतें हैं
(b) मध्य प्रदेश में 51 जिला पंचायतें व 313 जनपद पंचायतें हैं
(c) मध्य प्रदेश में 52 जिला पंचायतें व 313 जनपद पंचायतें हैं
(d) मध्य प्रदेश में 53 जिला पंचायतें व 313 जनपद पंचायतें हैं
व्याख्या: (c) वर्ष 2021-22 की स्थिति के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल 52 जिला पंचायतें व 313 जनपद पंचायतें हैं। मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम, 99 नगर परिषद तथा 293 नगर पंचायतें हैं। वर्ष 2021 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल 407 स्थानीय नगरीय निकाय हैं।
31. निम्नलिखित में किस संवैधानिक संशोधनों के बाद राज्य में मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 को अधिनियम, किया गया था?
(a) 73वें
(b) 95वें
(c) 81वें
(d) 75वें
व्याख्या: (a) संविधान के 73वें संशोधन के अनुसरण में 29 दिसंबर, 1993 को राज्य विधान सभा में मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसे विधानसभा द्वारा 30 दिसंबर, 1993 को पारित कर दिया गया।
32. मध्य प्रदेश में जनपद पंचायतों की संख्या है?
(a) 331
(b) 313
(c) 333
(d) 323
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश में स्थानीय स्वशासन दो भागों में संचालित है, जिसका एक भाग पंचायतीराज व्यवस्था के नाम से तथा दूसरा नगरीय निकाय के नाम से जाना जाता है। दोनों ही भागों में त्रिस्तरीय शासन व्यवस्था है। नगरीय क्षेत्रों के अंतर्गत मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम 99 नगर परिषद तथा 293 नगर पंचायतें कार्यरत हैं।
33. मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा-105 के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन सा स्थानीय निकायों के लिए राजस्व का मुख्य स्त्रोत है?
(a) ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क
(b) जल आपूर्ति शुल्क
(c) वस्तु एवं सेवा कर
(d) सरकारी अनुदान
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा-105 नगर पालिका की निधि में धन के जमा किये जाने से संबंधित है। इस धारा में राजस्व प्राप्ति के स्त्रोतों का उल्लेख है, जिसमें से मुख्य स्त्रोत सरकारी अनुदान है। धारा-105 (H) के अनुसार राज्य सरकार से या प्राइवेट व्यक्तियों से अनुदान या दान या निक्षेपों के रूप में परिषद को धन दिया जा सकता है।
34. समंवित ग्रामीण विकास कार्यक्रम को क्रियांवित करना किसका कार्य है?
(a) ग्राम पंचायत
(b) ग्राम सभा
(c) जनपद पंचायत
(d) जिला पंचायत
व्याख्या: (c) समवित ग्रामीण विकास कार्यक्रम को क्रियांवित करना जनपद पंचायत का कार्य है।
35. मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1956 के अनुसार नगरपालिका प्रशासन में विशेषज्ञता वाले व्यक्तियों की अधिकतम संख्या क्या है, जिन्हें राज्य शासन, नगर निगम में मनोनीत कर सकती हैं?
(a) 5
(b) 10
(c) 6
(d) 8
व्याख्या: (c) नगर निगम परिषद में उस क्षेत्र के लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा के पदेन सदस्य होते हैं। छह विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं। महापौर नगर निगम का राजनीतिक प्रमुख होता है तथा इन्हें उस शहर का प्रथम नागरिक भी कहा जाता है। मेयर इन काउंसिल नगर निगम की मुख्य समिति है। इस समिति का महापौर पदेन अध्यक्ष होता है व इसकी सदस्य संख्या महापौर सहित कुल 11 होती है। इसकी सहायता के लिए 10 विभागीय समितियां होती हैं, जिनके अध्यक्ष मेयर इन कौंसिल के सभी सदस्य होते हैं। तथा इन सभी समितियों की सदस्य संख्या अध्यक्ष सहित 7 होती है।
36. मध्य प्रदेश कोष संहिता के अनुसार, निम्नलिखित में से किसे जिले के खजाना आबकारी (ट्रेजरी अधिकारी) के रूप में नियुक्त किया जाता है?
(a) सीईओ जिला पंचायत
(b) सहायक कलेक्टर
(c) डिप्टी कलेक्टर
(d) तहसीलदार
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश कोष संहिता के अनुसार डिप्टी कलेक्टर को जिले के खजाना आबकारी (ट्रेजरी अधिकारी) के रूप में नियुक्त किया जाता है।
37. मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1956 के तहत एक निगम, निम्न के द्वारा अधिसूचित करने पर एक बड़े शहरी क्षेत्र के लिए गठित किया जा सकता है?
(a) राजस्व मंत्री
(b) मुख्यमंत्री
(c) मुख्य राजस्व आयुक्त
(d) राज्यपाल
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1956 के अंतर्गत एक निगम, राज्यपाल के द्वारा अधिसूचित करने पर एक बड़े शहरी क्षेत्र के लिए गठित किया जा सकता है।
38. .......को अमल में लाते हुए मध्य प्रदेश में एक नई ग्राम स्वराज प्रणाली शुरू की गई थी?
(a) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अधिनियम, 2011
(b) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अधिनियम, 2001
(c) मध्य प्रदेश पंचायत राज (संशोधन) अधिनियम, 2016
(d) ग्राम स्वराज अधिनियम, 2001
व्याख्या: (b) 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुपालन में मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 पारित किया गया, जिसे संशोधित कर वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अधिनियम, 2001 किया गया। इस संशोधित अधिनियम के अंतर्गत मध्य प्रदेश में ग्राम स्वराज प्रणाली प्रारंभ की गई।
39. आम चुनाव के पश्चात मध्य प्रदेश में नगरपालिका परिषद की पहली बैठक बुलाए जाने के लिए निर्धारित समय सीमा क्या है?
(a) 30 दिन
(b) 15 दिन
(c) 7 दिन
(d) परिणामों के घोषित होने के अगले दिन
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में वर्ष 2014 में संशोधन कर अधिनियम की धारा-55 (1) में संशोधन किया गया है, जिसके अनुसार साधारण निर्वाचन के 15 दिन के भीतर पहली बैठक बुलाये जाने का प्रावधान है।
40. मध्य प्रदेश में कुल कितनी नगरपालिकाएं हैं?
(a) 98
(b) 96
(c) 94
(d) 99
व्याख्या: (d) वर्ष 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में 16 नगर निगम, 99 नगर पालिकाएं / परिषद एवं 293 नगर पंचायत परिषद हैं। 1 अक्टूबर, 2018 को भिंड एवं दतिया नगर पालिका परिषद को नगर निगम बनाए जाने की घोषणा की गई।
41. मध्य प्रदेश शासन द्वारा नई ग्राम स्वराज प्रणाली को कब शुरू किया गया था?
(a) वर्ष 2001
(b) वर्ष 1993
(c) वर्ष 2001
(d) वर्ष 2000
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश पंचायती राज व्यवस्था में व्याप्त कमियों को दूर करने तथा सत्ता को विकेंद्रित करने के उद्देश्य से 26 जनवरी, 2001 से ग्राम स्वराज व्यवस्था लागू की गई है।
42. सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत मध्य प्रदेश में जिला स्तर पर कौन लोग प्राधिकारी है?
(a) मंडल आयुक्त
(b) उप कलेक्टर
(c) कलेक्टर
(d) तहसीलदार
व्याख्या: (c) सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 को 15 जून, 2005 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी तथा संपूर्ण भारत में 12 अक्टूबर, 2005 से यह अधिनियम लागू हो चुका है। अधिनियम की धारा-15 के अनुसार प्रत्येक राज्य सरकार को राज्य सूचना आयोग का गठन करना है। मध्य प्रदेश में राज्य सूचना आयोग का गठन राज्य सरकार की अधिसूचना क्रमांक एफ 11-11/05/1/9 द्वारा 22 अगस्त, 2005 द्वारा किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश में जिला स्तर पर कलेक्टर लोक प्राधिकारी है। मध्य प्रदेश में मध्य प्रदेश जानकारी की स्वतंत्रता अधिनियम, 2002 को 24 जनवरी, 2003 को राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई थी तथा 31 जनवरी, 2003 को मध्य प्रदेश के बजट में इसे प्रकाशित किया गया था।
43. मध्य प्रदेश में नगर परिषदों के वित्तीय और कार्यकारी प्रशासन की देखभाल हेतु निम्नलिखित में से कौन आवश्यक है?
(a) मंडल आयुक्त
(b) मुख्य नगरपालिका अधिकारी
(c) कलेक्टर
(d) महापौर
व्याख्या: (b) नगर पालिका का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CMO) होता है, जो राज्य सेवा द्वारा चुना जाता है व जिसकी नियुक्ति राज्य सरकार करती है एवं राजनीतिक प्रमुख नगर पालिका अध्यक्ष होता है।
44. मध्य प्रदेश राज्य की राजस्व न्यायिक प्रणाली में निम्नलिखित में से कौन सी उच्चतम और संशोधन अपीलीय अदालत है?
(a) मध्य प्रदेश राजस्व मंडल
(b) राजस्व मंत्री
(c) प्रमुख राजस्व आयुक्त
(d) मध्य प्रदेश का उच्च न्यायालय
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश राज्य की राजस्व न्यायिक प्रणाली में राजस्व मंडल उच्चतम और संशोधन अपीलीय अदालत है। मध्य प्रदेश राजस्व मंडल का मुख्यालय ग्वालियर में स्थित है।
45. मध्य प्रदेश नगरपालिका लेखा नियम, 1971 के तहत निम्नलिखित में से कौन सा नियम निर्धारित करता है कि एक महीने के भीतर व्यय होने की संभावना होने तक कोई अग्रिम नहीं किया जाएगा?
(a) नियम 98 (1)
(b) नियम 123
(c) नियम 43
(d) नियम 112 (2)
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश नगरपालिका लेखा नियम, 1971 के तहत नियम 112 (2) निर्धारित करते हैं कि एक महीने के भीतर व्यय होने की संभावना होने तक कोई अग्रिम नहीं किया जाएगा।
46. मध्य प्रदेश में ग्राम पंचायत के सचिव की नियुक्ति कौन करता है?
(a) जनपद पंचायत
(b) ग्राम पंचायत
(c) ग्राम सभा
(d) राज्य शासन
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण स्वराज अधिनियम, 1993 तहत ग्राम पंचायत का प्रशासनिक अधिकारी पंचायत सचिव होता है, जिसकी नियुक्ति पंचायत के माध्यम से राज्य सरकार करती है। मध्य प्रदेश पंचायत सचिव भर्ती एवं सेवा शर्तें नियम 2011 को 23 मार्च, 2011 से प्रभावी किया गया है।
47. मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1956 के अनुसार, आयुक्त (कमीश्नर) एक निगम.......का होता है।
(a) अध्यक्ष
(b) संयोजक
(c) प्रधान कार्यकारी अधिकारी
(d) मुख्य नगरपालिका अधिकारी
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश में नगरपालिका अधिनियम, 1956 पारित किया गया, जिसके द्वारा संपूर्ण मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में प्रशासन किया जाता है। इस व्यवस्था को वास्तविक सफलता उस समय मिली जब 74वां संविधान संशोधन 1992 के द्वारा संवैधानिक दर्जा प्रदान कर इनके अधिकारों को सुनिश्चित किया गया। नगर निगम का मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर निगम का आयुक्त होता है, जिसे राज्य सरकार नियुक्त करती है, जिसका वेतन नगर निगम कोष से दिया जाता है। इसका भी कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
48. मध्य प्रदेश में वर्तमान पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री.........है।
(a) गोपाल भार्गव
(b) नरोत्तम मिश्र
(c) उमाशंकर गुप्ता
(d) महेंद्र सिंह सिसोदिया
व्याख्या: (d) श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया वर्तमान में मध्य प्रदेश, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। महेंद्र सिंह सिसोदिया गुना जिले के बमोरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में वर्ष 2020 के विधानसभा उपचुनाव में निर्वाचित हुए हैं। श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया वर्ष 2013 में सर्वप्रथम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। उसके पश्चात वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी बमोरी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे।
49. वर्ष 1957 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा गठित ग्रामीण स्थानीय स्वशासन समिति के अध्यक्ष थे।
(a) काशी प्रसाद पांडेय
(b) एम.पी. दुबे
(c) रविशंकर शुक्ला
(d) अशोक मेहता
व्याख्या: (a) वर्ष 1957 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा गठित ग्रामीण स्थानीय स्वशासन समिति के अध्यक्ष श्री काशी प्रसाद पांडेय थे। काशी प्रसाद पांडेय मध्य प्रदेश के प्रमुख राजनीतिज्ञ एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे, जिंहोनें वर्ष 1957 में अविभाजित मध्य प्रदेश के सिहोरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। इसके अतिरिक्त इन्होंने मध्य प्रदेश की तीसरी विधानसभा में वर्ष 1967 से 1972 तक विधानसभा अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किया है।
50. 73वें संशोधन के बाद, मध्य प्रदेश में पहली बार.....में प्रत्यक्ष पंचायत चुनाव हुए।
(a) वर्ष 1959
(b) वर्ष 1965
(c) वर्ष 1972
(d) वर्ष 1994
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश में 73वें संविधान संशोधन, 1992 को लागू करने के लिए 30 दिसंबर, 1993 को मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 पारित किया गया, जिसे 25 जनवरी, 1994 को लागू किया गया। मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत मध्य प्रदेश में प्रथम चुनाव मार्च-अप्रैल, 1994 में हुए।
51. मध्य प्रदेश में कुल ग्राम पंचायतें कितनी हैं?
(a) 5000-10000
(b) 11000-15000
(c) 16000-20000
(d) 21000-25000
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश शासन डायरी 2021 के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या 22812, कुल ग्रामों की संख्या 54903 एवं राजस्व ग्रामों की संख्या 53738 है।
52. किस वर्ष में मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम को राज्यपाल की अनुमति प्रदान की गई?
(a) वर्ष 1994
(b) वर्ष 1991
(c) वर्ष 1993
(d) वर्ष 1990
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 को 24 जनवरी, 1994 को राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई तथा 25 जनवरी, 1994 से यह लागू किया गया।
53. मध्य प्रदेश में उपयोग होने वाली पंचायत स्तर ई-शासन के लिए एनआईसी सॉफ्टवेयर का नाम बताइए।
(a) आकृति
(b) टैली
(c) प्रगति
(d) पंचलेखा
व्याख्या: (d) एनआईसी केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों, जिलों और अन्य सरकारी निकायों के लिए एक राष्ट्रव्यापी अत्याधुनिक आईसीटी बुनियादी ढांचे और सेवाओं की स्थापना करके शासन के विभिन्न पहलुओं में सरकार के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है। यह सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है जिसमें मल्टी गीगाबिट राष्ट्रव्यापी नेटवर्क निकनेट, एनकेएन, नेशनल डेटा सेंटर नेशनल क्लाउड, पैन इंडिया वीसी इंफ्रास्ट्रक्चर, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, मल्टी-लेयर जीआईएस आधारित प्लेटफॉर्म, डोमेन पंजीकरण और वेबकास्ट शामिल हैं। यह नागरिक केंद्रित ई-सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनआईसी मध्य प्रदेश राज्य केंद्र, भोपाल में वर्ष 1988 में स्थापित किया गया था, सूचना विज्ञान की संस्कृति को बढ़ावा देने और सरकार के विभागों/ संगठनों को आईसीटी सेवाएं प्रदान करने में उत्प्रेरक भूमिका निभाने के लिए उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी सहायता के साथ विभिन्न ई-गवर्नेस पहलों की आर्किटेक्टिंग और कार्यांवयन के अतिरिक्त राज्य में आम जनता के लिए कुशल नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लक्षित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए Panch Lekha (पंचलेखा) ई-गवनेंस सेवा में से एक है।
54. मध्य प्रदेश में पंचायत स्तर पर महिलाओं की भागीदारी को संगठित करने और बढ़ावा देने के लिए..........नामक एक गैर सरकारी संगठन को प्रस्तुत किया गया है।
(a) समावेश
(b) सागर
(c) एकलव्य
(d) प्रथम
व्याख्या: (a) समावेश सोसायटी, भोपाल को विकास और शासन के क्षेत्र में काम करने के लिए अगस्त, 2003 में दिल्ली में एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था। विकास और शासन को ऐसे समाज में पूर्व शर्त प्रदान करनी चाहिए जो लोगों की प्राथमिक जरूरतों और सशक्तिकरण के उनके प्रयासों का समर्थन करने के लिए आवश्यक हों। विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्गों को समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और सहभागी लोकतंत्र के मूल्यों को व्यवहार में स्थापित करने के लिए सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनने की आवश्यकता है समावेश की स्थापना एक ऐसा वातावरण बनाने में मदद करने के लिए की गई है जिसमें हम कमजोर वर्ग, विशेष रूप से आदिवासियों, दलितों और महिलाओं में से एक अधिक न्यायसंगत और लोकतांत्रिक समाज के लिए प्रयास कर सकते हैं।
55. मध्य प्रदेश पंचायत एक्ट, 1981 को ग्राम पंचायतों में..........को आरक्षण देने के लिए वर्ष 1988 में संशोधन किया गया।
(a) शारीरिक रूप से विकलांग
(b) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा महिलाओं
(c) किसानों
(d) अल्पसंख्यकों
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1981 में अधिनियमित किया गया था, जिसे बाद में वर्ष 1988 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पंचायती में महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण प्रदान करने के लिए संशोधित किया गया था।
56. मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत (मांस और परिरक्षण की बिक्री का नियमन) नियम .......... में प्रभाव में आया।
(a) वर्ष 1983
(b) वर्ष 1998
(c) वर्ष 2001
(d) वर्ष 2013
व्याख्या: (b) मांस के बिक्री और संरक्षण का विनियमन इस नियमों को मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत (मांस और संरक्षण की बिक्री का नियमन) नियम, 1998 कहा जा सकता है। मध्य प्रदेश राजपत्र वर्ष 1998 में अपने प्रकाशन की तिथि को प्रभावी रूप से लागू हो गया था।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश पंचायतीराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के अंतर्गत जनपद पंचायतों को यह शक्ति प्रदान की गई है कि वह नाट्यशालाओं एवं मनोरंजन पर कर (Tax) लगा सकती है।
57. जनपद पंचायत और जिला पंचायत द्वारा नियोजित संविदा शाला शिक्षक पर लागू नियम है, विशेषकर उन मामलों में जहां उनके नियंत्रण में विद्यालय होते हैं-
(a) मध्य प्रदेश कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स रूल्स, 2005
(b) मध्य प्रदेश पंचायत टीचर्स रूल्स, 2005
(c) मध्य प्रदेश पंचायत संविदा शाला शिक्षक (नियुक्त हेतु अनुबंध एवं शर्तें) रूल्स, 2005
(d) मध्य प्रदेश जिला पंचायत शिक्षक नियम, 2005
व्याख्या: (c) जनपद पंचायत और जिला पंचायत द्वारा नियोजित संविदाशाला शिक्षक पर लागू नियम है, विशेषकर उन मामलों में जहां उनके नियंत्रण में विद्यालय होते हैं। पंचायत संविदा शाला शिक्षक (नियोजन एवं संविदा की शर्तें) नियम, 2005।
58. यदि किसी भी स्तर पर पंचायत का अध्यक्ष, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित नहीं है, तो निम्न में से किसे आवश्यक रूप से इन वर्गों से संबंधित होना चाहिए?
(a) सभी सदस्यों
(b) उपाध्यक्ष
(c) सचिव
(d) सभी स्थायी समितियों के अध्यक्ष
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज एक्ट 1993 की धारा-25 (4) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि किसी जनपद पंचायत का अध्यक्ष अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़े वर्गों का नहीं है तो उपाध्यक्ष ऐसी जातियों या जनजातियों या ऐसे वर्गों में से निर्वाचित किया जाएगा।
59. मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम, 1993 में परिकल्पित ग्राम सभा के गठन का उद्देश्य है?
(a) पंचायत का सचिव चुनना
(b) विकास के लिए धनराशि जुटाना
(c) सभी नागरिक व आपराधिक मुकदमों की सुनवाई करना
(d) प्रत्यक्ष राजनीतिक अधिकार आम जनता के हाथ सौंपना
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश में 73वें संविधान संशोधन के अंतर्गत 30 दिसंबर, 1993 को मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम पारित किया गया, जिसे 25 जनवरी, 1994 को लागू किया गया। मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम, 1993 में परिकल्पित ग्राम सभा के गठन का उद्देश्य प्रत्यक्ष राजनीतिक अधिकार आम जनता के हाथ सौंपना है।
60. मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम, 1981........के अंतर्गत आने वाले पंचायती राज प्रणाली की समीक्षा पर आधारित था।
(a) एम.पी. दुबे कमेटी
(b) काशी प्रसाद पांडेय
(c) अशोक मेहता
(d) बलवंतराय मेहता
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम, 1981 एम. पी. दुबे कमेटी के अंतर्गत आने वाले पंचायती राज प्रणाली की समीक्षा पर आधारित था तथा वर्ष 2007 में डी. पी. दुबे समिति की अनुशंसा पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा पंचायतों व नगरीय निकायों के शिक्षा कर्मियों को अध्यापक संवर्ग में सम्मिलित किया गया है।
61. ग्राम पंचायत स्तर पर कर/शुल्क लगाने के प्रस्ताव को कौन अनुमोदित करता है?
(a) जिलाधीश
(b) जिला पंचायत
(c) ग्राम सभा
(d) जनपद पंचायत
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 77 (2) के अनुसार जनपद पंचायत के पूर्व अनुमोदन से ग्राम पंचायत और जिला पंचायत के पूर्व अनुमोदन से जनपद पंचायत अनुसूची-2 विनिर्दिष्ट करों में से कोई भी कर अधिरोपित कर सकेगी।
62. मध्य प्रदेश में पंचायत राज की कितने स्तरीय व्यवस्था चल रही है?
(a) 4
(b) 3
(c) 2
(d) 1
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश में 73वें संविधान संशोधन के अंतर्गत 30 दिसंबर, 1993 को मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 पारित किया गया, जिसे 25 जनवरी, 1994 से लागू किया गया। इस अधिनियम के अनुसार पंचायती राज व्यवस्था के तीन स्तर ग्राम जनपद और जिला पंचायतें हैं। सभी तीन स्तरों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
63. 73वें संविधान संशोधन के बाद जनपद पंचायत चुनाव, मध्य प्रदेश में पहली बार.........में आयोजित किये गये थे।
(a) वर्ष 1959
(b) वर्ष 1965
(c) वर्ष 1972
(d) वर्ष 1994
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश में 73वें संविधान संशोधन, 1992 को लागू करने के लिए 30 दिसंबर, 1993 को मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम को पारित किया गया और 25 जनवरी, 1994 को लागू किया गया। इस अधिनियम के अनुसार पंचायती राज व्यवस्था के तीन स्तर हैं तथा सभी स्तरों का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। चुनाव संबंधी कार्यों के लिये 1 फरवरी, 1994 को मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग का गठन किया गया, जो इन तीनों स्तरों के चुनाव का कार्य करवाता है। मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत मध्य प्रदेश में प्रथम चुनाव मार्च-अप्रैल, 1994 में हुए।
64. मध्य प्रदेश जल और भूमि प्रबंधन संस्थान किस विभाग के अंतर्गत आता है?
(a) गृह विभाग
(b) पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग
(c) खनिज संसाधन विभाग
(d) लोक निर्माण विभाग
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश जल और भूमि संस्थान (वालमी) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आता है।
65. नगर निगम बनने के लिए शहरी क्षेत्र / शहर, अपेक्षित न्यूनतम जनसंख्या कितनी है?
(a) पांच लाख
(b) एक लाख
(c) तीन लाख
(d) दस लाख
व्याख्या: (b) नगर निगम बनने के लिए शहरी क्षेत्र / शहर, अपेक्षित न्यूनतम जनसंख्या एक लाख है।
66. पंचायती राज संस्था का निर्वाचन किसके द्वारा सम्पन्न करवाया जाता है?
(a) भारत का निर्वाचन आयोग
(b) राज्य निर्वाचन आयोग
(c) जिला निर्वाचन आयोग
(d) उपर्युक्त सभी के सहयोग से
व्याख्या: (b) 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुच्छेद 243 (ट) के प्रावधानों के तहत राज्य निर्वाचन आयोग का गठन वर्ष 1994 में किया गया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ही प्रदेश के पंचायती राज संस्था के चुनाव सम्पन्न कराए जाते हैं।
67. वर्ष 2009 में सागर नगर निगम के महापौर पद पर कौन किन्नर निर्वाचित हुई थी?
(a) शबनम मौसी
(b) कमला जॉन उर्फ कमला मौसी
(c) कमला बुआ
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: (c) वर्ष 2009 में सागर नगर निगम के महापौर पद पर किन्नर कमला बुआ निर्वाचित हुई थी। निर्दलीय प्रत्याशी किन्नर कमला बुआ ने अपनी निकटतम प्रत्याशी भाजपा की सुमन अहिरवार को रिकॉर्ड 43433 वोट से हराकर यह उपलब्धि प्राप्त की। उन्हें चुनाव में कुल 64683 वोट प्राप्त हुए। मध्य प्रदेश के इतिहास में यह दूसरी बार हुआ है, जब कोई किन्नर महापौर बनी है। इससे पहले 10 साल पहले कमला जॉन उर्फ कमला मौसी कटनी में मेयर चुनी गई थीं।
68. वर्ष 2013 में किस जिले की ग्राम सभा को उत्कृष्ट विकास कार्यों के लिए राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया?
(a) रतलाम
(b) झाबुआ
(c) धार
(d) शाजापुर
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिला झाबुआ की ग्राम सभा को वर्ष 2013 में उत्कृष्ट विकास कार्यों के लिए राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
69. मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन मध्य प्रदेश स्टेट सामाजिक संपरीक्षा समिति का गठन कब किया गया था?
(a) वर्ष 2009
(b) वर्ष 2011
(c) वर्ष 2013
(d) वर्ष 2015
व्याख्या: (c) वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन मध्य प्रदेश स्टेट सामाजिक संपरीक्षा समिति का गठन किया गया था।
70. जिले में जिला पंचायत सदस्य निर्वाचन क्षेत्रों की न्यूनतम व अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है?
(a) 10, 25
(b) 10, 20
(c) 10, 35
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 के अनुसार 50 हजार या अधिक आबादी वाले क्षेत्र में एक जिला पंचायत का गठन किया जाता है, जिसके न्यूनतम निर्वाचित क्षेत्र (वार्ड) 10 तथा अधिकतम निर्वाचन क्षेत्र 35 निर्धारित किये गये हैं।
71. राज्य शासन द्वारा जनपद पंचायत को कितने जल क्षेत्र के तालाब / जलाशय के विकास एवं प्रबंधन का दायित्व सौंपा गया?
(a) 10 हेक्टेयर से 100 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र
(b) 10 हेक्टेयर से 50 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र
(c) 15 हेक्टेयर से 75 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र
(d) 15 हेक्टेयर से 150 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश शासन द्वारा जनपद पंचायत को 10 हेक्टेयर से 100 हेक्टेयर औसत जल क्षेत्र के तालाब / जलाशय के विकास एवं प्रबंधन का दायित्व सौंपा गया है।
72. मध्य प्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी) भोपाल का पुनर्गठन कब किया गया?
(a) वर्ष 2012
(b) वर्ष 2013
(c) वर्ष 2014
(d) वर्ष 2015
व्याख्या: (c) भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मध्य प्रदेश जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी), भोपाल को मध्य प्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1973 के तहत सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया है। संस्थान को वर्ष 1998 में ग्रामीण विकास विभाग में शामिल किया गया है। वर्ष 2014 में वाल्मी का पुनर्गठन किया गया। इस संस्थान द्वारा दो पृथक स्कूलों, वाल्मी स्कूल ऑफ वॉटरशेड मैनेजमेंट और रूरल डेवलपमेंट एवं वाल्मी स्कूल ऑफ कमांड एरिया डेवलपमेंट के माध्यम से शोध क्रियाओं, फॉर्म ट्रायल्स, विषय अध्ययन के आधार पर कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम संचालित करने तथा जल एवं भूमि प्रबंधन के अन्य कार्यों के लिए तकनीकी सहायता उपलब्ध की जा रही है।
73. मध्य प्रदेश में संजय गांधी युवा नेतृत्व एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना कब की गई है?
(a) वर्ष 1970
(b) वर्ष 1975
(c) वर्ष 1980
(d) वर्ष 1985
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संजय गांधी युवा नेतृत्व एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान प्रवृर्तित किया गया है। इसका नोडल संचालनालय पंचायती राज को बनाया गया है। इस संस्थान का विधिवत पंजीयन मध्य प्रदेश रजिस्ट्रेशन ऑफ सोसायटी 1972 के अंतर्गत दिनांक 28 अक्टूबर, 1980 को कराया गया था। इसकी विधिवत औपचारिक स्थापना 14 दिसंबर, 1980 को पचमढ़ी (होशंगाबाद) में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अर्जुनसिंह मध्य प्रदेश शासन द्वारा की गई थी।
74. मध्य प्रदेश आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वसहायता समूहों द्वारा प्रदेश के कितने जिलों में समुदायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की गई है ?
(a) 39
(b) 28
(c) 29
(d) 27
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों द्वारा प्रदेश के 39 जिलों में समुदायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की गई है। समुदायिक प्रशिक्षण केंद्रों (CTC) की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य सामुदायिक सदस्यों को सतत प्रशिक्षण प्रदान करना, प्रभावी लागत पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन करना, सामुदायिक स्वामित्व की भावना का विकास करना, सामुदायीकरण की ओर स्थायित्व प्रदान करना है।
75. मध्य प्रदेश में ई-पंचायत के अंतर्गत सम्मिलित नहीं है?
(a) ग्राम सभा अनुमोदन
(b) प्रियासॉफ्ट
(c) प्लन प्लस
(d) एक्शन सॉफ्ट
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में ई-पंचायत के अंतर्गत ग्राम सभा अनुमोदन सम्मिलित नहीं है। मध्य प्रदेश में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत ई-पंचायत के विभिन्न क्षेत्र निम्न हैं:
प्रियासॉफ्ट- वाउचर प्रविष्टियों के माध्यम से प्राप्ति और व्यय विवरण दर्ज करता है और कैश बुक, रजिस्टर इत्यादि स्वचालित रूप में बनाता है।
प्लन प्लस- सहभागी विकेंद्रीकृत योजना के सुदृढ़ीकरण में सुविधा देता है और सहभागी ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) को तैयार करने में सक्षम बनाता है।
नेशनल पंचायत पोर्टल- सार्वजनिक डोमेन में जानकारी साझा करने हेतु प्रत्येक पंचायत (यानी जेडपी, बीपी और जीपी) के लिए डायनामिक वेबसाइट।
स्थानीय सरकारी निर्देशिका- स्थानीय सरकारों के सभी विवरण दर्ज करता है और उन्हें यूनीक कोड प्रदान करता है। विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के साथ भी पंचायतों को जोड़ता है।
एक्शन सॉफ्ट- कार्यों की वित्तीय और वास्तविक प्रगति को सही प्रकार से दर्ज करने की सुविधा प्रदान करता है।
राष्ट्रीय परिसम्पत्ति निर्देशिका- निर्मित / अनुरक्षित परिसंपत्तियों का विवरण दर्ज करता है, कार्यों के दोहराव से बचने में मदद करता है और उनका रख-रखाव करता है।
एरिया प्रोफाइलर- किसी गांव / पंचायतों के भौगोलिक, जन सांख्यिकीय, अवसंरचनात्मक, सामाजिक-आर्थिक और प्राकृतिक संसाधन संबंधी विवरण को दर्ज करता है एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों और पंचायत कर्मियों, चुनाव आदि के ब्योरे को दर्ज करता है।
सर्विस प्लस- सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी प्रदान करने में सहायता हेतु एक गतिशील मेटाडेटा-आधारित सेवा वितरण पोर्टल।
प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल- नागरिकों, उनकी प्रतिक्रियाओं, प्रशिक्षण सामग्री इत्यादि सहित हितधारकों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पोर्टल।
सामाजिक लेखा परीक्षा- पंचायत द्वारा की गई विभिन्न योजनाओं के तहत काम को समझने, मापने और सत्यापित करने के लिए और इसके अतिरिक्त संबंधित पंचायतों के सामाजिक कार्य निष्पादन में सुधार करने के लिए।
76. मध्य प्रदेश में स्वतंत्रता पूर्व स्थानीय स्वशासन हेतु मध्य प्रांत और बरार पंचायतों हेतु अधिनियम कब प्रभावशील हुआ?
(a) 28 जनवरी, 1948
(b) 28 जनवरी, 1949
(c) 15 अगस्त, 1950
(d) 15 अगस्त, 1948
व्याख्या: (a) स्वाधीनता के पश्चात तत्कालीन मध्य प्रांत और बरार की सरकार ने स्थानीय स्वशासन विभाग के तहत मध्य प्रांत और बरार की पंचायतों के नियम 1946 की धारा-144 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मध्य प्रांत और बरार पंचायतों के नियम 1948 को अधिनियमत करते हुए इसे 28 जनवरी, 1949 से प्रभावशील किया गया।
टिप्पणी: स्वाधीनता के पश्चात स्थानीय स्वशासन हेतु मध्य प्रांत और बरार हेतु यह प्रथम प्रयास था। इस अधिनियम के मुख्य रूप से दो भाग थे पहला ग्राम पंचायतों से संबंधित था जबकि दूसरा न्याय पंचायतों से संबंधित था। ग्राम पंचायतों से संबंधित भाग में 144 धारायें थीं जबकि न्याय पंचायत से संबंधित भाग में कुल धारा 146 थीं।
77. मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम, 1962 में कुल कितनी धाराएं थीं?
(a) 344
(b) 244
(c) 393
(d) 493
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश में विलीन विभिन्न क्षेत्रों में पंचायती व्यवस्था के विविध रूपों में एकरूपता प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 1962 में पहली बार मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम 1962 क्रियांवित किया गया। इस अधिनियम में कुल 21 अध्याय व 393 धाराएं थीं। अधिनियम के द्वारा प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था का प्रावधान किया गया था- ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम, 1962 के तहत वर्ष 1965 में पहली बार ग्राम पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हुए। वर्ष 1970 में मध्य प्रदेश में ग्राम पंचायतों के चुनाव दूसरी बार संपन्न हुए, जबकि जनपद पंचायतों के चुनाव वर्ष 1971 में पहली बार संपन्न कराए जा सके।
78. मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत निर्वाचन सहयोजन नियम, 1963 में कुल कितने अध्याय थे?
(a) 10
(b) 11
(c) 12
(d) 14
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम, 1962 के पूरक नियम के रूप में, मध्य प्रदेश ग्राम पंचायत निर्वाचन सहयोजन नियम, 1963 का निर्माण किया गया। इस पूरक नियम के द्वारा इस विषय पर पूर्व में बनाए गए समस्त नियमों को राज्य शासन द्वारा इस अधिनियम में अधिष्ठित कर दिया गया। इस पूरक अधिनियम में कुल 12 अध्याय तथा 80 धाराएं थीं।
टिप्पणी: वर्ष 1965 में इस अधिनियम के अंतर्गत पंचायतों से संबंधित बजट अनुमानों का निर्धारण करने के उद्देश्य से पंचायतों के विभिन्न स्तरों के बजट अनुमानों से संबंधित विभिन्न नियमों का निर्माण किया गया।
79. यदि पंचायत भंग होती है, तो किस अवधि के अंदर निर्वाचन होंगे?
(a) 1 माह
(b) 3 माह
(c) 6 माह
(d) 1 वर्ष
व्याख्या: (c) 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 द्वारा संविधान में भाग- IX जोड़ा गया है। इस भाग में 16 नए अनुच्छेद और एक नई अनुसूची- ग्यारहवीं अनुसूची जोड़ी गई। इस भाग में पंचायतों का गठन, उनके निर्वाचन, शक्तियों इत्यादि का वर्णन किया गया। संविधान के अनुच्छेद-243-ड़ 3 ख (Art. 243 E ( 3 ) (B)) के तहत पंचायत भंग होने पर 6 माह के अंदर निर्वाचन होना आवश्यक है।
80. निम्नलिखित में से कौन मध्य प्रदेश की पंचायतों की संरचना के बाबत उपबंध करने को अधिकृत है?
(a) राज्य का राज्यपाल
(b) राज्य का विधानमंडल
(c) भारत की संसद
(d) भारत का राष्ट्रपति
व्याख्या: (b) संविधान के अनुच्छेद 243 (ग) (1) के अनुसार, राज्य का विधानमंडल पंचायतों की संरचना के बाबत उपबंध करने को अधिकृत है।
81. मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 का संशोधन वर्ष 1994 और वर्ष 1999 के बीच कितने बार हुआ था?
(a) 11 बार
(b) 6 बार
(c) 14 बार
(d) 8 बार
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश में 73वें संविधान संशोधन के अंतर्गत 30 दिसंबर, 1993 को मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1993 पारित किया गया, जिसे 25 जनवरी, 1994 को लागू किया गया। मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 में संशोधन वर्ष 1994 और वर्ष 1999 के बीच 8 बार हुआ था।
82. राज्य सरकार के कर्मचारियों के पर्यवेक्षण की जिला पंचायत में प्रतिनियुक्ति की शक्तियां...........के पास है।
(a) जिलाधीश
(b) राज्य सरकार के विभाग
(c) जिला पंचायतों के सीईओ
(d) जनपद पंचायत
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा-71 में शासकीय सेवकों की प्रतिनियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को दिये जाने का उपबंध है। इस शक्ति के प्रयोग में राज्य सरकार के विभाग राज्य सरकार के कर्मचारियों के पर्यवेक्षण की जिला पंचायत में प्रतिनियुक्ति कर सकते हैं।
83. भारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राजव्यवस्था की सिफारिश की थी-
(a) अशोक मेहता समिति ने
(b) बलवंत राज मेहता समिति ने
(c) जी. वी. के. राव समिति ने
(d) एल. एम. सिंघवी समिति ने
व्याख्या: (b) भारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राजव्यवस्था स्थापना की सिफारिश बलवंत राय मेहता समिति (1957) ने की थी। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर ही राजस्थान की विधानसभा ने 2 सितंबर, 1959 को पंचायती राज अधिनियम पारित किया था। इसी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा 2 अक्टूबर, 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में पंचायती राज का उद्घाटन किया गया। इसके अतिरिक्त पंचायतों में सुधार करने के लिए वर्ष 1977 में अशोक मेहता समिति, वर्ष 1985 में जी. वी. के. राव समिति तथा वर्ष 1986 में डॉ. एल. एम. सिंघवी समिति का गठन किया गया था। सिंघवी समिति के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा देने की अनुशंसा की गई थी।
84. भारतीय संविधान के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन सा अनुच्छेद मध्य प्रदेश राज्य की सरकारों को ग्राम पंचायतों को संगठित करने का निर्देश देता है?
(a) अनुच्छेद-32
(b) अनुच्छेद-40
(c) अनुच्छेद-48
(d) अनुच्छेद-51
व्याख्या: (b) संविधान का अनुच्छेद-40 राज्य को ग्राम पंचायतों को संगठित करने का निर्देश देता है। यह राज्य के नीति-निदेशक तत्वों में शामिल है। संविधान के अनुच्छेद-40 में उपबंध किया गया है कि राज्य ग्राम पंचायतों का गठन करने के लिए कदम उठाएगा और उनको ऐसी शक्तियां प्रदान करेगा, जो उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए जरुरी हो।
85. मध्य प्रदेश शासन द्वारा शुरू की गई पंच परमेश्वर योजना का उद्देश्य क्या है?
(a) ग्राम पंचायतों का शक्तिकरण
(b) सरपंचो को सहायता प्रदान करना
(c) ग्रामीण रोजगार प्रदान करना
(d) राज्य के 5 बड़े शहरों का विकास करना
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में पंच परमेश्वर योजना 9 जनवरी, 2012 को शुरू की। इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों को अधिक शक्तिशाली बनाना है। इस योजना के अंतर्गत राज्य की 23 हजार से अधिक पंचायतों को विभिन्न योजनाओं के लिए एक मुश्त धन दिया जाना है। इस योजना के शुरू होने के पूर्व तक ग्राम पंचायतों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत टुकड़ों-टुकड़ों में धन मुहैया कराया जाता था। इसके करण विकास कार्यों में बाधा थी। अब ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष की अवधि में आबादी के आधार पर धन मुहैया कराया जाना है।
86. मध्य प्रदेश में ग्राम पंचायत के अध्यक्ष के रूप में निम्नलिखित में से किसे चुना जा सकता है?
(a) को-ऑपरेटिव सोसायटी का अध्यक्ष
(b) उस क्षेत्रों के लोगों द्वारा सीधे निर्वाचित किया गया व्यक्ति
(c) संसद का सदस्य
(d) विधान सभा का सदस्य
व्याख्या: (b) ग्राम पंचायत में एक या एक से अधिक गांव (राजस्व गांव) शामिल हो सकते हैं। मुखिया संबंधित ग्राम पंचायत के सभी मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से बहुमत के आधार पर निर्वाचित होते है। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं द्वारा बहुमत के आधार पर निर्वाचित होते हैं।
87. एक नगरपालिका में नगरीय क्षेत्र का अभिप्राय प्रादेशिक क्षेत्र जिसे निम्न में से कौन घोषित करता है?
(a) राज्यपाल
(b) नगरपालिका आयुक्त
(c) नगरपालिका परिषद
(d) मंत्रिपरिषद
व्याख्या: (a) राज्यपाल को नगरपालिका क्षेत्र को अधिसूचित करने का अधिकार प्रदान किया गया है। नगरपालिका संविधान के अनुच्छेद-243 (ब) (243-Q) के अधीन गठित स्वायत्त शासन की कोई संस्था अभिप्रेरित है।
88. मध्य प्रदेश में पंचायतों की स्थापना से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने वाला अधिनियम क्या है?
(a) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993
(b) मध्य प्रदेश पंचायत राज एक्ट, 1993
(c) मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993
(d) मध्य प्रदेश ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993
व्याख्या: (a) ग्रामीण शासन व्यवस्था को व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिये 73वें संविधान संशोधन, 1992 के द्वारा पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया, जिसका अनुपालन करने वाला मध्य प्रदेश भारत का पहला राज्य बना। इस प्रकार संविधान के 73वें संशोधन के अनुरूप मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 बना, जो 25 जनवरी, 1994 से लागू हुआ।
89. संविधान की अनुसूची के किस युग्म में पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के प्रकार्यों को सम्मिलित किया गया है?
(a) 8वीं एवं 9वीं
(b) 9वीं एवं 10वीं
(c) 10वीं एवं 11वीं
(d) 11वीं एवं 12वीं
व्याख्या: (d) 11वीं अनुसूची पंचायत राज से संबंधित है। इसमें 29 विषय शामिल है। इस अनुसूची को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के द्वारा जोड़ा गया था। 12वीं अनुसूची नगर पालिका से संबंधित है, जिसमें 18 विषय है। इसे 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के द्वारा जोड़ा गया था।
90. भारत के संविधान के किस भाग में पंचायतों के लिए प्रावधान किया गया है?
(a) भाग-IX
(b) भाग-IV
(c) भाग-II
(d) भाग-IX - A
व्याख्या: (a) संविधान के भाग-IX अनुच्छेद-243 पंचायत से संबंधित है। पंचायती राजव्यवस्था का उल्लेख 11 वीं अनुसूची में किया गया है। इस अनुसूची में 29 विषय शामिल है।
91. मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993 में किस वर्ष ग्राम सभा की वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले सम्मिलन के स्थान पर प्रत्येक 3 माह में ग्राम सभा का सम्मेलन आयोजित करने संबंधित महत्वपूर्ण संशोधन किया गया?
(a) वर्ष 1995
(b) वर्ष 1994
(c) वर्ष 1993
(d) वर्ष 1992
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993 में सितंबर, 1994 में निम्नवत संशोधन किया गया- ग्राम सभा की वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले सम्मिलन के स्थान पर प्रत्येक तीन माह में ग्राम सभा का सम्मेलन आयोजित करने का संशोधन किया गया। इसके साथ ही यह भी संशोधन किया गया कि ग्राम सभा ग्राम पंचायतों के कृत्यों से संबंधित किसी विषय पर विचार करें और ग्राम पंचायत, ग्राम सभा द्वारा की गई सिफारिशों को कार्यावित करेंगी।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993 में दिसंबर, 1995 में संशोधन किया जाकर निम्न प्रावधान किया गया- ग्राम सभा की बैठक सरपंच द्वारा नियमित अंतराल में करने में असफल रहने पर वह सरपंच अपना पद धारण करने के लिए निरर्हित हो जाएगा किंतु सरपंच के विरुद्ध कोई आदेश तब तक पारित नहीं किया जायेगा जब तक कि उसे सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर नहीं दे दिया जाये।
विशेष: मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1993 में जनवरी, 1997 में संशोधन किया जाकर निम्न प्रावधान किया गया- ग्राम सभा के किसी सम्मिलन में ग्राम सभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक दशमांश सदस्यों से अन्यून सदस्यों से गणपूर्ति होगी, जिसमें से एक तिहाई से अन्यून महिला सदस्य होगी। यदि सम्मिलन के लिए नियत किए गए समय पर गणपूर्ति के लिए आवश्यक संख्या में सदस्य उपस्थित नहीं है तो अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति सम्मिलन को ऐसी आगामी तारीख तथा समय के लिए स्थगित कर देगा जैसा कि वह नियत करे और एक नई सूचना विहित रीति में दी जाएगी और ऐसे स्थगित सम्मिलन के लिए गणपूर्ति आवश्यक नहीं होगी। परंतु ऐसे सम्मिलन में किसी नए विषय पर विचार नहीं किया जाएगा।
92. मध्य प्रदेश में निम्नलिखित में से कौन सी तिथि नहीं है, जिसमें ग्राम सभाओं की बैठक अनिवार्य रूप से बुलाने की आवश्यकता है?
(a) 26 जनवरी
(b) 18 अप्रैल
(c) 15 अगस्त
(d) 2 अक्टूबर
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की संशोधित धारा-6 के अनुसार ग्राम सभा का सम्मिलन कम-से-कम जनवरी, अप्रैल, जुलाई तथा अक्टूबर में होगा।
93. मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 की धारा-7 में ग्राम सभा की शक्तियां और कृत्य तथा उसका वार्षिक सम्मिलन के अंतर्गत ग्राम सभा को महत्वपूर्ण 16 कृत्यों का दायित्व कब सौंपा गया?
(a) वर्ष 1994
(b) वर्ष 1995
(c) वर्ष 1996
(d) वर्ष 1997
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1994 की धारा 7 में ग्राम सभा की शक्तियां और कृत्य तथा उसका वार्षिक सम्मिलन के अंतर्गत ग्राम सभा को महत्वपूर्ण 16 कृत्यों का दायित्व वर्ष 1997 में सौंपा गया।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश पंचायत राज अधिनियम, 1993 में अप्रैल, 1999 में संशोधन किया जाकर निम्न प्रावधान किया गया- ग्राम सभाओं के बीच उद्भूत कोई विवाद या ग्राम पंचायत क्षेत्र के भीतर समाविष्ट एक से अधिक ग्राम सभाओं से संबंधित कोई मामले और ग्राम पंचायत से संबंधित लेखा, प्रशासन की रिपोर्ट आगामी वर्ष के लिए प्रस्तावित विकास तथा अन्य कार्यक्रम, संपरीक्षा रिपोर्ट आदि के संबंध में ग्राम पंचायत के समस्त मामले उस ग्राम पंचायत की समस्त ग्राम सभाओं के संयुक्त सम्मिलन के समक्ष लाए जायेंगे।
94. मध्य प्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में किस वर्ष ग्राम सभा की बैठक हेतु नियत गणपूर्ति के एक-पंचमाश भाग में अर्थ के अंतर्गत लोक सेवक समझे जाने का प्रावधान संबंधित संशोधन कब किया गया?
(a) वर्ष 2000
(b) वर्ष 2001
(c) वर्ष 1997
(d) वर्ष 2004
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में किस वर्ष ग्राम सभा की बैठक हेतु नियत गणपूर्ति के एक पंचमाश भाग में अर्थ के अंतर्गत लोक सेवक समझे जाने का प्रावधान संबंधित संशोधन वर्ष 2001 में किया गया।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 में दिसंबर, 2004 में निम्नवत संशोधन कर यह प्रावधान किया गया कि ग्राम सभा प्रतिमाह आयोजित की जाने वाली बैठकों के प्रावधान को समाप्त कर प्रति वर्ष कम-से-कम जनवरी, अप्रैल, जुलाई तथा अक्टूबर में एक-एक सम्मिलन आयोजित करने का संशोधन किया गया। इसके अतिरिक्त ग्राम सभा का अतिरिक्त सम्मिलन भी बुलाया जाने का प्रावधान किया गया।
95. मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में किस वर्ष संशोधन करके ग्राम सभा के प्रत्येक सम्मिलन के लिए पूर्व की व्यवस्था में संशोधन कर ग्राम सभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक-दशमांश से अन्यून सदस्यों या ग्राम सभा के कम से कम पांच सौ सदस्यों इनमें से भी जो भी कम हो, से गणपूर्ति होगी या प्रावधान किया गया?
(a) वर्ष 2001
(b) वर्ष 2004
(c) वर्ष 2005
(d) वर्ष 2007
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में वर्ष 2005 में संशोधन करके ग्राम सभा के प्रत्येक सम्मिलन के लिए पूर्व की व्यवस्था में संशोधन कर ग्राम सभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक - दशमांश से अन्यून सदस्यों या ग्राम सभा के कम-से-कम पांच सौ सदस्यों इनमें से भी जो भी कम हो, से गणपूर्ति होगी या प्रावधान किया गया।
96. मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार ग्राम निर्माण समिति एवं ग्राम विकास समिति का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?
(a) सरपंच
(b) उप सरपंच
(c) जनपद अध्यक्ष
(d) जिला अध्यक्ष
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में मई 2007 में निम्नवत संशोधन किया गया-
ग्राम निर्माण समिति, ग्राम पंचायत के एक अभिकरण (एजेंसी) के रूप में कार्य करेगी और पांच लाख रूपए तक के समस्त निर्माण कार्य तथा ग्राम पंचायत, ग्राम सभा द्वारा सौंपे गए अन्य कार्यों का निष्पादन करेगी।
ग्राम पंचायत का सरपंच, ग्राम निर्माण समिति तथा ग्राम विकास समिति का पदेन अध्यक्ष होगा।
ग्राम विकास समिति का गठन तथा उसके कृत्य ऐसे होंगे जैसे कि विहित किए जाए।
ग्राम निर्माण समिति के सदस्य, ग्राम विकास समिति में ऐसी रीति में सम्मिलित किए जाएंगे जैसी कि विहित की जाए।
ग्राम सभा को रूपए पांच लाख तक की लागत के कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति के अधिकार व ग्राम पंचायत द्वारा सौंपे गए समस्त कार्य संपादित करने का प्रावधान किया गया।
ग्राम सभा की स्थायी समिति के गठन तथा निर्वाचन से संबंधित समस्त विवाद धारा 122 तथा उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों द्वारा निपटाए जाने का प्रावधान किया गया।
97. मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 का प्रथम संशोधन कब किया गया ?
(a) 27 सितंबर, 1994
(b) 23 दिसंबर, 1994
(c) 19 दिसंबर, 1995
(d) 28 दिसंबर, 1996
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 का प्रथम संशोधन 27 सितंबर, 1994 को किया गया था, जिसमें सहयोजन प्रथा को समाप्त कर ग्राम सभा की मासिक बैठक की अनुशंसाओं को बाध्यकारी बनाया गया।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 में द्वि तीय संशोधन 23 दिसंबर, 1994 को किया गया, जिसमें जनपद तथा जिला पंचायतों को उनकी स्थायी समितियों की संख्या एवं विषय परिवर्तन के अधिकार दिए गए और जिला एवं जनपद पंचायत के उपाध्यक्षों को शिक्षा समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इस अधिनियम का तृतीय संशोधन 19 दिसंबर, 1995 को किया गया, जिसमें ग्राम सभा की बैठक को अनिवार्य बना दिया गया।
मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 का चतुर्थ संशोधन 28 दिसंबर, 1996 को किया गया, जिसमें पंचायत संबंधी चुनाव में आरक्षण व्यवस्था को तर्कसंगत बनाया गया और पंचायत निधि निर्माण संबंधी प्रावधान किए गए। इस अधिनियम का पंचम संशोधन 26 जनवरी, 2001 को किया गया, जिसमें मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 का नाम मध्य प्रदेश पंचायत राज कर दिया गया। इस संशोधन का प्रमुख उद्देश्य ग्राम सभा को अधिक सुदृढ़ और प्रभावशाली बनाना था।
98. मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विशेष उपबंध अध्याय किस वर्ष स्थापित किया गया ?
(a) वर्ष 1994
(b) वर्ष 1997
(c) वर्ष 2000
(d) वर्ष 2001
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विशेष उपबंध अध्याय वर्ष 1997 में स्थापित कर निम्नवत संशोधन किया गया-
ग्राम सभा के सदस्य यदि ऐसा चाहे तो किसी ग्राम में एक से अधिक ग्राम सभा का गठन ऐसी रीति जैसा कि विहित किया जाए और ऐसी प्रत्येक ग्राम सभा के क्षेत्र में आवास या आवास का समूह अथवा छोटा गांव या छोटे गांवो का समूह होगा, जिसमें समुदाय समाविष्ट हों और जो परंपराओं और रूढ़ियों के अनुसार अपने कार्यकलापों का प्रबंध करेंगी।
ग्राम सभा के प्रत्येक सम्मिलन के लिए ग्राम सभा के सदस्यों की कुल संख्या के एक दशमांश से या ग्राम सभा के कुल पांच सौ सदस्य इनमें से भी जो कम हो, से अन्यून सदस्यों से गणपूर्ति होगी।
ग्राम सभा के सम्मिलन की अध्यक्षता, ग्राम सभा के अनुसूचित जनजातियों के किसी ऐसे सदस्य द्वारा की जाएगी, जो पंचायत का सरपंच या उपसरपंच या कोई सदस्य न हो और जो उस सम्मिलन में उपस्थित सदस्यों के बहुमत द्वारा इस प्रयोजन के लिए निर्वाचित किया गया हो।
99. मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत राज संस्थाओं के कितने सामान्य निर्वाचन कराए जा चुके है?
(a) 3
(b) 4
(c) 5
(d) 6
व्याख्या: (d) 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 का परिकलन करने वाला देश का पहला राज्य मध्य प्रदेश है तथा इस अधिनियम के लागू होने के बाद से अब तक मध्य प्रदेश में 5 सामान्य निर्वाचन सम्पादित हो चुके हैं।
प्रदेश में मई-जून, 1994 प्रथम बार पंचायत राज संस्थाओं के सामान्य निर्वाचन सम्पन्न कराये गये। द्वितीय निर्वाचन, 1998-99 तृतीय निर्वाचन वर्ष 2004-05 चतुर्थ निर्वाचन 2009-10 में तथा पंचम निर्वाचन वर्ष 2013-14 में सम्पन्न हुए।
वर्ष 2022 में षष्टम निवार्चन संपन्न हुआ है।
100. मध्य प्रदेश में नगरपालिकाओं में अनुसूचित जनजातियों हेतु स्थानों के आरक्षण का प्रावधान भारत के संविधान के निम्नांकित में से किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया है?
(a) 243 न (1)
(b) 243 ध (1)
(c) 243 द (1)
(d) 243 प (1)
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में नगरपालिकाओं में अनुसूचित जनजातियों हेतु स्थानों के आरक्षण का प्रावधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 न (1) के अंतर्गत किया गया है।
अनुच्छेद- 243 न ( नगरीय निकायों में स्थानों का आरक्षण)
1. प्रत्येक नगरपालिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थान आरक्षित रहेंगे और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, उस नगरपालिका में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथाशक्य वही होगा जो उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की अथवा उस नगरपालिका क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अनुपात उस क्षेत्र की कुल जनसंख्या से है और ऐसे स्थान किसी नगरपालिका के भिन्न-भिन्न निर्वाचन क्षेत्रों को चक्रानुक्रम से आवंटित किए जा सकेंगे।
2. खंड (1) के अधीन आरक्षित स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक-तिहाई स्थान, यथास्थिति, अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे।
3. प्रत्येक नगरपालिका में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या के कम से कम एक तिहाई स्थान (जिनके अंतर्गत अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए आरक्षित स्थानों की संख्या भी है) स्त्रियों के लिए आरक्षित रहेंगे।
4. नगरपालिकाओं में अध्यक्षों के पद अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और स्त्रियों के लिए ऐसी रीति से आरक्षित रहेंगे, जो राज्य का विधान मंडल, विधि द्वारा उपबंधित करे।
5. खंड (1) और खंड (2) के अधीन स्थानों का आरक्षण और खंड (4) के अधीन अध्यक्षों के पदों का आरक्षण (जो स्त्रियों के लिए आरक्षण से भिन्न है) अनुच्छेद 334 में विनिर्दिष्ट अवधि की समाप्ति पर प्रभावी नहीं रहेगा।
6. इस भाग की कोई बात किसी राज्य के विधान-मंडल को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में किसी नगरपालिका में स्थानों के या नगरपालिकाओं में अध्यक्षों के पद के आरक्षण के लिए कोई उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
101. मध्य प्रदेश की नगरपालिकाओं के कार्यकाल की अवधि संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया है?
(a) अनुच्छेद 243 (प)
(b) अनुच्छेद 243 (द)
(c) अनुच्छेद 243 (फ)
(d) अनुच्छेद 243 (ब)
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश की नगरपालिकाओं के कार्यकाल की अवधि संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (प) के अंतर्गत किया गया है।
अनुच्छेद 243 (प) नगरपालिकाओं की अवधि, आदि-
1. प्रत्येक नगरपालिका यदि तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन पहले ही विघटित नहीं कर दी जाती है तो, अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से पांच वर्ष तक बनी रहेगी, इससे अधिक नहीं:
परंतु किसी नगरपालिका का विघटन करने के पूर्व उसे सुनवाई का उचित अवसर दिया जाएगा।
2. तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के किसी संशोधन से किसी स्तर पर ऐसी नगरपालिका का जो ऐसे संशोधन के ठीक पूर्व कार्य कर रही है, तब तक विघटन नहीं होगा जब तक खंड (1) में विनिर्दिष्ट उसकी अवधि समाप्त नहीं हो जाती।
3. किसी नगरपालिका का गठन करने के लिए निर्वाचन,
(क) खंड (1) में विनिर्दिष्ट उसकी अवधि की समाप्ति के पूर्व (ख) उसके विघटन की तारीख से छह मास की अवधि की समाप्ति के पूर्व पूरा किया जाएगा:
परंतु जहां वह शेष अवधि, जिसके लिए कोई विघटित नगरपालिका बनी रहती, छह मास से कम है वहां ऐसी अवधि के लिए उस नगरपालिका का गठन करने के लिए इस खंड के अधीन कोई निर्वाचन कराना आवश्यक नहीं होगा।
4. किसी नगरपालिका की अवधि की समाप्ति के पूर्व उस नगरपालिका के विघटन पर गठित की गई कोई नगरपालिका, उस अवधि के केवल शेष भाग के लिए बनी रहेगी जिसके लिए विघटित नगरपालिका खंड (1) के अधीन बनी रहती, यदि वह इस प्रकार विघटित नहीं की जाती है।
102. मध्य प्रदेश में भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत नगरीय निकायों को शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व प्रदान किये गये हैं?
(a) अनुच्छेद 243 (ब)
(b) अनुच्छेद 243 (य)
(c) अनुच्छेद 243 (द)
(d) अनुच्छेद 243 (₹)
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में भारतीय संविधान के अनुच्छेद-243 (ब) के अंतर्गत नगरीय निकायों को शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व प्रदान किये गये हैं।
अनुच्छेद-243 (ब) नगरपालिकाओं, आदि की शक्तियां, प्राधिकार और उत्तरदायित्व-
इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए किसी राज्य का विधान मंडल, विधि द्वारा,
1. नगरपालिकाओं को ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान कर सकेगा, जो उन्हें स्वायत्त शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हों और ऐसी विधि में नगरपालिकाओं को ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए, जो उसमें विनिर्दिष्ट की जाएं, निम्नलिखित के संबंध में शक्तियां और उत्तरदायित्व न्यागत करने के लिए उपबंध किए जा सकेंगे, अर्थात:
(i) आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजनाएं तैयार करना।
(ii) ऐसे कृत्यों का पालन करना और ऐसी योजनाओं को, जो उन्हें सौंपी जाएं, जिनके अंतर्गत वे योजनाएं भी हैं, जो बारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध विषयों के संबंध में हैं, कार्यावित करना।
2. समितियों को ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान कर सकेगा जो उन्हें अपने को प्रदत्त उत्तरदायित्वों को, जिनके अंतर्गत वे उत्तरदायित्व भी हैं जो बारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध विषयों के संबंध में हैं, कार्यावित करने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक हों।
103. मध्य प्रदेश में नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति का प्रावधान भारत के संविधान के निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया है?
(a) अनुच्छेद 243 (प)
(b) अनुच्छेद 243 (फ)
(c) अनुच्छेद 243 (ब)
(d) अनुच्छेद 243 (भ)
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश में नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति का प्रावधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (भ) के अंतर्गत किया गया है।
अनुच्छेद 243 (भ). नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियां-
किसी राज्य का विधान मंडल, विधि द्वारा
1. ऐसे कर, शुल्क, पथ कर और फीसें उद्गृहीत, संगृहीत और विनियोजित करने के लिए किसी नगरपालिका को ऐसी प्रक्रिया के अनुसार और ऐसे निर्बंधनों के अधीन रहते हुए, प्राधिकृत कर सकेगा;
2. राज्य सरकार द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत ऐसे कर, शुल्क, पथकर और फीसें किसी नगरपालिका को ऐसे प्रयोजनों के लिए तथा ऐसी शर्तों और निर्बंधनों के अधीन रहते हुए, समनुदिष्ट कर सकेगा;
3. राज्य की संचित निधि में से नगरपालिकाओं के लिए ऐसे सहायता अनुदान देने के लिए उपबंध कर सकेगा; और
4. नगरपालिकाओं द्वारा या उनकी ओर से क्रमशः प्राप्त किए गए सभी धनों को जमा करने के लिए ऐसी निधियों का गठन करने और उन निधियों में से ऐसे धनों को निकालने के लिए भी उपबंध कर सकेगा, जो विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं।
104. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों के निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप के वर्जन का प्रावधान किया गया है ?
(a) अनुच्छेद 243 (यघ)
(b) अनुच्छेद 243 (यक )
(c) अनुच्छेद 243 (यग)
(d) अनुच्छेद 243 (यछ)
व्याख्या: (d) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (यछ) के अंतर्गत मध्य प्रदेश के नगरीय निकायों के निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप के वर्जन का प्रावधान किया गया है।
अनुच्छेद-243 (यछ) निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन-
इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी किया गया है,-
1. अनुच्छेद 243 (यक) के अधीन बनाई गई या बनाई जाने के लिए तात्पर्यित किसी ऐसी विधि की विधिमान्यता, जो निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन या ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों को स्थानों के आवंटन से संबंधित है, किसी न्यायालय में प्रश्नगत नहीं की जाएगी।
2. किसी नगरपालिका के लिए कोई निर्वाचन ऐसी निर्वाचन अर्जी पर ही प्रश्नगत किया जाएगा जो ऐसे प्राधिकारी को और ऐसी रीति से प्रस्तुत की गई है, जिसका किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन उपबंध किया जाए, अन्यथा नहीं।
105. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत मध्य प्रदेश की पंचायतों की अवधि से संबंधित प्रावधान किया गया है?
(a) अनुच्छेद 243 (ड़)
(b) अनुच्छेद 243 (ञ)
(c) अनुच्छेद 243 (ण)
(d) अनुच्छेद 243 (ढ़)
व्याख्या: (a) संविधान संशोधन 73वें के फलस्वरूप अनुच्छेद-243 (ड़) अर्थात Art. 243 (E) में मध्य प्रदेश की पंचायतों का उल्लेख है, जिसके अनुसार प्रत्येक पंचायत तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन पहले से विघटित नहीं की जाती है, तो अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से 5 वर्ष तक बनी रहेगी। इसी प्रकार मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1993 की धारा-9 में ग्राम पंचायत की अवधि, धारा-27 में जनपद पंचायत एवं धारा-34 में जिला पंचायत की अवधि का उल्लेख है तथा यह अपने प्रथम सम्मिलन के दिनांक से 5 वर्ष तक बनी रहेगी।
टिप्पणी- संविधान के 74वें संशोधन के फलस्वरूप अनुच्छेद-243 (प) अर्थात 243 - (U) में नगरपालिकाओं का उल्लेख है, जिनका कार्यकाल अपने प्रथम अधिवेशन के लिए नियत तारीख से 5 वर्ष तक होता है। मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा-20 में नगर निगम और मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा-36 में नगरपालिका की अवधि का उल्लेख है।
106. मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत पंचायतों, नगरपालिकाओं में नियमित व निरंतर चुनाव का आयोजन करता है?
(a) अनुच्छेद 243 (ट) एवं अनुच्छेद 243 ( यक)
(b) अनुच्छेद 243 (ड) एवं अनुच्छेद 243 (यक)
(c) अनुच्छेद 243 (ट) एवं अनुच्छेद 243 (यग)
(d) अनुच्छेद 243 (ड) एवं अनुच्छेद 243 (यछ)
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (ट) अर्थात Art. 243 (K) के अंतर्गत फरवरी, 1994 को किया गया है। अनुच्छेद 243 (ट) एवं अनुच्छेद-243-यक (243-za) के अंतर्गत मध्य प्रदेश में पंचायतों नगर पालिकाओं के नियमित एवं निरंतर चुनाव का आयोजन मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराया जाता है।
टिप्पणी- (a) वर्ष 1994 में मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के गठन के पश्चात अगस्त, 2022 तक की स्थिति में त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकायों के 6 आम निर्वाचनों का सफल आयोजन किया जा चुका है। वर्ष 1994 में मध्य प्रदेश के वर्तमान स्वरूप ( अर्थात छत्तीसगढ़ के अंतर्गत आने वाले 7 जिलों के निकायों को हटाकर) अंतर्गत 38 जिलों की सभी पंचायतों में एक साथ निर्वाचन मई-जून, 1994 में सम्पन्न करवाए गए थे किंतु वर्ष 1994 में मध्य प्रदेश राज्य के वर्तमान स्वरूप के अंतर्गत क्षेत्र के जिलों में 6 नगर पंचायत (नगर परिषद को छोड़कर) अन्य सभी 365 नगरीय निकायों में आम निर्वाचन एक साथ नवंबर-दिसंबर, 1994 में सम्पन्न कराए गए थे।
107. मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1993 में कुल धाराएं एवं अध्याय हैं?
(a) 132 धाराएं एवं 15 अध्याय
(b) 126 धाराएं एवं 15 अध्याय
(c) 132 धाराएं एवं 18 अध्याय
(d) 130 धाराएं एवं 15 अध्याय
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 1993 में कुल 132 धाराएं एवं 15 अध्याय है। 29 दिसंबर, 1993 को यह अधिनियम लाया गया और इसे 25 जनवरी, 1994 को लागू किया गया। इस अधिनियम के तहत मध्य प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू कर दी गई।
108. मध्य प्रदेश में सरपंच और उप सरपंच की अनुपस्थिति में ग्रामसभा की बैठक की अध्यक्षता कौन करेगा?
(a) खंड विकास अधिकारी
(b) ग्राम पंचायत का सचिव
(c) इस प्रयोजन हेतु ग्रामसभा की बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा निर्वाचित संबंधित ग्राम पंचायत का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति
(d) इस प्रयोजन हेतु ग्रामसभा की बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा निर्वाचित संबंधित ग्राम पंचायत का पंच
व्याख्या: (d) मध्यप्रदेश में सरपंच और उप सरपंच की अनुपस्थिति में ग्रामसभा की बैठक की अध्यक्षता इस प्रयोजन हेतु ग्रामसभा की बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा निर्वाचित संबंधित ग्राम पंचायत का पंच करेगा।
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