मध्य प्रदेश के प्रमुख संवैधानिक एवं सांविधिक संस्थाएं MCQ | Major Constitutional and Statutory Institutions of Madhya Pradesh MCQ
byKartik Budholiya0
मध्य प्रदेश के प्रमुख संवैधानिक एवं सांविधिक संस्थाएं MCQ
"मध्य प्रदेश के प्रमुख संवैधानिक एवं सांविधिक संस्थाएं" पर आधारित यह MCQ सीरीज उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे MPPSC, MPSI, MPPEB और अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इस MCQ सेट में मध्य प्रदेश की संवैधानिक और सांविधिक संस्थाओं से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को समाहित किया गया है, जैसे राज्य निर्वाचन आयोग, लोक सेवा आयोग, मानवाधिकार आयोग, सूचना आयोग, महिला आयोग, अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग, और राज्य वित्त आयोग।
प्रत्येक प्रश्न के साथ हिंदी में विस्तृत व्याख्या प्रदान की गई है, जो आपकी समझ को मजबूत और गहराईपूर्ण बनाएगी। यह सीरीज संवैधानिक संस्थाओं के गठन, उनकी संरचना, कार्य, अधिकार, और वर्तमान प्रासंगिकता पर केंद्रित है। साथ ही, राज्य के प्रशासन और लोकतांत्रिक व्यवस्था में इन संस्थाओं की भूमिका को भी विस्तार से समझाया गया है, जो परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
"मध्य प्रदेश के प्रमुख संवैधानिक एवं सांविधिक संस्थाएं" पर आधारित यह MCQ सेट न केवल आपकी परीक्षा की तैयारी को व्यवस्थित और प्रभावी बनाएगा, बल्कि विषय के प्रति आपकी आत्मविश्वास और पूर्ण ज्ञान में भी वृद्धि करेगा। इन प्रश्नों के माध्यम से आप प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी सफलता सुनिश्चित कर सकते हैं।
1. मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 1 फरवरी, 1994
(b) 1 मार्च, 1994
(c) 1 अप्रैल, 1994
(d) 1 मई, 1994
व्याख्या: (a) संविधान के अनुच्छेद 243 (य क) (अर्थात अनुच्छेद 243 ZA) में यह उपबंध है कि नगरपालिकाओं के लिये कराए जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार कराने का और उन सभी निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण संविधान के अनुच्छेद 243 (ट) (अर्थात अनुच्छेद-243-K) के अंतर्गत गठित राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा। अनुच्छेद 243 (ट) के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग में राज्यपाल द्वारा नियुक्त एक राज्य निर्वाचन आयुक्त होगा, राज्य निर्वाचन आयुक्त को उसके पद से उसी रीति से और उन्हीं आधारों पर हटाया जा सकेगा जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के मामले में निर्धारित है। राज्य निर्वाचन आयुक्त की सेवा शर्तों में नियुक्ति के पश्चात उसके लिए अलाभकारी परिवर्तन नहीं किए जायेंगे। यह भी उपबंध है कि जब राज्य निर्वाचन आयोग ऐसे अनुरोध करे तब उसे अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन के लिए राज्यपाल द्वारा आवश्यक कर्मचारी उपलब्ध कराये जाएंगे। उक्त प्रावधानों के अंतर्गत मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग अधिसूचना दिनांक 1 फरवरी, 1994 द्वारा राज्य निर्वाचन अयोग का गठन की अधिसूचना सर्वप्रथम जारी की गई थी तथा 15 फरवरी, 1994 को इसे स्वतंत्र संवैधानिक निकाय का दर्जा प्राप्त होने के पश्चात यह पूर्ण रूप से अस्तित्व में आया।
राज्य निर्वाचन आयोग का विजन: मध्य प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के वातावरण को मजबूत बनाते रहने के लिए उपाय करना।
राज्य निर्वाचन आयोग का मिशन:
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी एवं कर्मचारी यह संकल्प लेते हैं कि हम:
निर्वाचन के वैधानिक एवं प्रबंध संबंधी पहलुओं पर अपनी दक्षताओं को सुदृढ़ बनाएंगे।
निर्वाचनों में जी.आई.एस. के उपयोग एवं बढ़ते क्रम में आई.टी. के अनुप्रयोगों को लागू करेंगे।
सूचना प्रोद्योगिकी के आंतरिक एवं अंतर कार्यालयीन उपयोग में विस्तार करेंगे।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सर्वप्रथम पंचायतों के चुनाव संबंधी अधिसूचना 15 अप्रैल, 1994 को जारी की गई थी।
2. मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त को पदच्युत करने की रीति किसके समान है?
(a) मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश
(b) मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष
(c) मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव
(d) मध्य प्रदेश के राज्यपाल
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का गठन 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अंतर्गत किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-243 (K) के प्रावधानों के अनुसार राज्यपाल द्वारा राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की जाती है। राज्य निर्वाचन आयुक्त की सेवा शर्तें राज्य विधानमंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन रहते हुए राज्यपाल द्वारा निर्धारित की जाती है किंतु राज्य निर्वाचन आयुक्त को पदच्युत उन्हीं आधारों पर किया जा सकता है, जिस आधार पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है। मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का वेतन राज्य की संचित निधि पर भारी होता है तथा इसका कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो पहले हो) तक होता है।
3. मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की प्रथम महिला सचिव कौन थी?
(a) श्रीमती रजनी उड़के
(b) श्रीमती उर्मिला मिश्रा
(c) श्रीमती सुनिता त्रिपाठी
(d) श्रीमती विजया श्रीवास्तव
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की प्रथम महिला सचिव श्रीमती विजया श्रीवास्तव थी जिनका कार्यकाल 21 जुलाई, 1998 से 9 जून, 2000 तक था।
4. भारत निर्वाचन आयोग के 22वें क्रम के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत को मध्य प्रदेश में वन अधिकारों की मान्यता के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता का पुरस्कार कब प्रदान किया गया?
(a) 21 मार्च, 2009
(b) 21 अप्रैल, 2010
(c) 21 मई, 2011
(d) 21 जून, 2012
व्याख्या: (b) श्री ओम प्रकाश रावत मध्य प्रदेश कैडर (वर्ष 1977 बैच) के सेवा निवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के जिला कलेक्टर के रूप में नरसिंहपुर जिले में वर्ष 1983-86 तथा इंदौर जिले में वर्ष 1986-88 में सेवा प्रदान की थी। 21 अप्रैल, 2010 को वन अधिकारों की मान्यता के अभिनव प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार उन्हें प्रदान किया गया था। श्री ओम प्रकाश रावत ने 14 अगस्त, 2015 को भारत के चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया था तथा 23 जनवरी, 2018 से 1 दिसंबर, 2018 तक भारतीय निर्वाचन आयोग के 22वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्य किया है।
5. किस प्रावधान के अंतर्गत मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग का गठन किया गया है?
(a) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा-118 (2)
(b) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा-118 (3)
(c) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा-118 (1)
(d) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा-118 (4)
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग की स्थापना भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 315 के प्रावधानों के अनुरूप राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा-118 (3) के अंतर्गत भारत सरकार के गृह मंत्रालय की 27 अक्टूबर, 1956 को जारी अधिसूचना क्रमांक 69/6/56/एस.आर.-11 द्वारा की गई है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-320 के अंतर्गत आयोग मुख्य रूप से राज्य शासन के अधीन सेवाओं हेतु आवेदकों का चयन, विभिन्न विभागों में एक पद से दूसरे पद पर पदोन्नति, भर्ती नियमों के प्रकरणों में परामर्श तथा अनुशासनिक मामलों में ऐसे प्रकरण जिनमें शासन द्वारा अंतिम रूप से आदेश पारित किये जाने है, के संदर्भ में अपनी राय प्रदान करता है।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग मुख्यालय रेजीडेंसी एरिया, इंदौर में स्थित है।
6. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा प्रथम परीक्षा का आयोजन किस वर्ष किया गया?
(a) वर्ष 1957
(b) वर्ष 1956
(c) वर्ष 1958
(d) वर्ष 1959
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 27 अक्टूबर, 1956 को किया गया, किंतु आयोग ने प्रथम परीक्षा वर्ष 1958 में आयोजित की।
टिप्पणी: वर्तमान में आयोग द्वारा मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा, मध्य प्रदेश राज्य चिकित्सा सेवाएं परीक्षा, मध्य प्रदेश राज्य विकास सेवाएं परीक्षा, राज्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा राज्य न्यायिक सेवा परीक्षा एवं समय-समय में अन्य परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है।
7. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?
(a) डी.बी. रंगे
(b) के.सी. तिवारी
(c) के.एन. सिन्हा
(d) एच.सी. सेठ
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष भारतीय सिविल सर्विसेस के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री डी. बी. रंगे थे, जिन्होंने 1 नवंबर, 1956 से 17 सितंबर, 1957 तक इस पद हेतु अपनी सेवाएं दीं।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 1958 में प्रथम परीक्षा का आयोजन, श्री एच.सी. सेठ के अध्यक्षता कार्यकाल में किया गया। श्री एच. सी. सेठ 23 अक्टूबर, 1957 से 11 अक्टूबर, 1960 तक इस पद पर आसीन रहे।
8. किस अनुच्छेद के अंतर्गत दो या दो से अधिक राज्यों हेतु संयुक्त लोक सेवा आयोग के गठन की व्यवस्था की गई है?
(a) अनुच्छेद-315 (c)
(b) अनुच्छेद-315 (2)
(c) अनुच्छेद-315 (d)
(d) अनुच्छेद-315 (5)
व्याख्या: (b) संविधान के भाग-14 के अध्याय-2 में अनुच्छेद-315 से अनुच्छेद-323 तक संघ और राज्य लोक सेवा आयोग हेतु संवैधानिक प्रावधान है, जिसमें अनुच्छेद- 315 (2) के अनुसार दो या अधिक राज्य यह करार कर सकेंगे कि राज्यों के उस समूह के लिए एक ही लोक सेवा आयोग होगा और यदि इस आशय का संकल्प उन राज्यों में से प्रत्येक राज्य के विधानमंडल के सदन द्वारा या जहां दो सदन है वहां प्रत्येक सदन द्वारा पारित कर दिया जाता है तो संसद उन राज्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए विधि द्वारा संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग की (जिसे इस अध्याय में संयुक्त आयोग कहा गया है) नियुक्ति का उपबंध कर सकेंगे।
9. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति किसके द्वारा की जाती है?
(a) राष्ट्रपति
(b) राज्यपाल
(c) मुख्यमंत्री
(d) विधानसभा अध्यक्ष
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष और राज्य के राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए गए अन्य सदस्य शामिल होते हैं। संविधान में लोक सेवा आयोग की सदस्य संख्या का उल्लेख नहीं किया गया है। यह राज्यपाल के विवेक पर छोड़ दिया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की योग्यता का भी उल्लेख नहीं किया गया है परंतु यह आवश्यक है कि आयोग के नियुक्त सदस्यों में से आधे सदस्यों को भारत सरकार के आधीन या किसी राज्य की सरकार के तहत कार्यालय में कम से कम 10 वर्ष कार्य करने का अनुभव होना चाहिए। संविधान ने आयोग के सामर्थ्य को स्पष्ट रूप से नहीं बताया है। राज्यपाल के पास सदस्यों की संख्या के साथ-साथ आयोग के कर्मचारियों और उनकी सेवा की शर्तों को निर्धारित करने का अधिकार होता है।
टिप्पणी: भारतीय संविधान के अनुच्छेद-316 (1) के अनुसार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति यदि वह संघ आयोग या संयुक्त आयोग है, तो राष्ट्रपति द्वारा और यदि वह राज्य आयोग है, तो राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाएगी।
10. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की सेवानिवृत्ति आयु कितनी है ?
(a) 60 वर्ष
(b) 64 वर्ष
(c) 62 वर्ष
(d) 65 वर्ष
व्याख्या: (c) भारतीय संविधान के अनुच्छेद-316 (3) के अनुसार मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष और सदस्य 6 वर्ष की अवधि के लिए या 62 वर्ष की आयु तक जो भी पहले हो, कार्यरत रहते हैं। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य राज्यपाल को संबोधित करते हुए कार्यकाल की अवधि के बीच में अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।
11. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य को पदच्युत कौन कर सकता है?
(a) राज्यपाल
(b) मुख्यमंत्री
(c) राष्ट्रपति
(d) उच्च न्यायालय
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य की नियुक्ति राज्यपाल करता हैं लेकिन इन्हें केवल राष्ट्रपति ही हटा सकता है (राज्यपाल नहीं)। अनुच्छेद-317 के अनुसार राष्ट्रपति उन्हें उसी आधार पर हटा सकते हैं जिन आधारों पर संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को हटाया जाता है अतः उन्हें निम्नलिखित आधारों पर हटाया जा सकता है:
अगर उसे दिवालिया घोषित कर दिया जाता है, या
अपनी पदावधि के दौरान अपने पद के कर्त्तव्यों के बाहर किसी सवेतन नियोजन में लगा हो, या
यदि राष्ट्रपति यह समझता है कि वह मानसिक या शारीरिक शैथिल्य के कारण पद पर बने रहने के योग्य नहीं है।
टिप्पणी: इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या अन्य सदस्यों को उनके कदाचार के कारण भी हटा सकता है परंतु ऐसे मामलों में राष्ट्रपति इसे उच्चतम न्यायलय को संदर्भित करता है। यदि उच्चतम न्यायालय जांच के बाद उन्हें बर्खास्त करने या दी गई सलाह का समर्थन करता है तो राष्ट्रपति अध्यक्ष व अन्य सदस्यों को हटा सकता है। संविधान के अनुसार उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले में दी गई सलाह राष्ट्रपति के लिए बाध्य है न्यायालय द्वारा की जा रही जांच के दौरान राज्यपाल अध्यक्ष व अन्य सदस्यों को निलंबित कर सकता है।
विशेष: अनुच्छेद-318 के अनुसार लोक सेवा आयोग के सदस्य की सेवा शर्तों में उसकी नियुक्ति पश्चात उसके लिए अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
12. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रतिवर्ष अपने कार्यों का वार्षिक प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत करता है?
(a) राष्ट्रपति
(b) राज्यपाल
(c) विधानसभा
(d) संसद
व्याख्या: (b) भारतीय संविधान के अनुच्छेद-323 के तहत मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रत्येक वर्ष अपने कार्यों की रिपोर्ट राज्यपाल को प्रस्तुत करता है। राज्यपाल इस रिपोर्ट के साथ-साथ ऐसे ज्ञापन विधानमंडल के समक्ष रखता है, जिसमें आयोग द्वारा अस्वीकृत मामले और उनके कारणों का वर्णन किया जाता है।
13. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत किया गया है?
(a) अनुच्छेद-312
(b) अनुच्छेद-315
(c) अनुच्छेद-316
(d) अनुच्छेद-317
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन का प्रावधान भारतीय संविधान के भाग-14 में उल्लेखित अनुच्छेद- 315 के अंतर्गत किया गया है तथा अनुच्छेद-316 का संबंध अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति से है।
14. 25 अगस्त, 2020 को श्री प्रदीप कुमार जोशी संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं, उनका मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल था?
(a) वर्ष 2006-11
(b) वर्ष 2004-09
(c) वर्ष 2012-5
(d) वर्ष 2001-05
व्याख्या: (a) शिक्षाविद श्री प्रदीप कुमार जोशी मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में 14वें क्रम के अध्यक्ष थे, जिनका कार्यकाल 13 जून 2006 से 28 सितंबर 2011 तक था। 12 मई, 2015 को उन्हें संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य तथा 25 अगस्त, 2020 को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
15. मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के व्यय किस निधि पर भारित होते हैं?
(a) भारत की संचित निधि
(b) राज्य की संचित निधि
(c) फीस द्वारा इसके स्वयं की एकत्र निधि पर
(d) आकस्मिक निधि पर
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के व्यय एवं अध्यक्ष व सदस्यों का वेतन राज्य की संचित निधि पर भारित होता है। अनुच्छेद- 318 के अनुसार लोक सेवा आयोग के सदस्य की सेवा शर्तों में उसकी नियुक्ति पश्चात उसके लिए अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
16. मध्य प्रदेश के महालेखाकार का प्रधान कार्यालय कहां पर अवस्थित है?
(a) भोपाल
(b) ग्वालियर
(c) जबलपुर
(d) इंदौर
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश में राज्य व केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों व संगठनों की लेखा परीक्षा के लिए भारतीय लेखा एवं लेखापरीक्षा विभाग में, महालेखाकार कार्यालयों के पुनर्गठन एवं विभाग में लेखा एवं लेखापरीक्षा कार्यों के पृथक्करण के फलस्वरूप, महालेखाकार (निर्माण एवं प्राप्ति लेखापरीक्षा) का कार्यालय मध्य प्रदेश भोपाल 1 मार्च, 1984 को अस्तित्व में आया और वर्ष 1985 में ग्वालियर तथा 1 अक्टूबर, 2004 से भोपाल स्थित कार्यालय को महालेखाकार कार्यालय तथा ग्वालियर स्थित कार्यालय को प्रधान लेखाकार कार्यालय कहा जाता है।
टिप्पणी: महालेखाकार (निर्माण एवं प्राप्ति लेखापरीक्षा) का कार्यालय मध्य प्रदेश भोपाल जो भारतीय लेखा एवं लेखापरीक्षा विभाग का एक भाग है, भारत के नियंत्रक - महालेखापरीक्षक के अधीन कार्य करता है। यह कार्यालय राज्य शासन के निर्माण एवं वन विभाग और राज्य एवं केंद्र सरकार की प्राप्तियों की लेखापरीक्षा हेतु उत्तरदायी है। इस कार्यालय का मुख्यालय, महालेखाकार की अध्यक्षता में "अरेरा हिल्स" भोपाल में है, जबकि इसका शाखा कार्यालय 'ऑडिट भवन" ग्वालियर में स्थित है। यह कार्यालय 1 अक्टूबर, 2004 से पहले कार्यालय महालेखाकार (लेखापरीक्षा) मध्य प्रदेश के नाम से जाना जाता था।
विशेष: मध्य प्रदेश में महालेखाकार एक महत्वपूर्ण वित्त संबंधित प्राधिकारी है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद-149 के अनुसार भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक के अधीन कार्य करता है।
17. मध्य प्रदेश राज्य योजना मंडल का गठन कब किया गया था?
(a) 24 अक्टूबर, 1972
(b) 24 नवंबर, 1972
(c) 24 अक्टूबर, 1973
(d) 24 नवंबर, 1973
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश राज्य का योजनाबद्ध रूप से सर्वांगीण विकास करने, राज्य के संसाधनों का आंकलन कर उनका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने, सामाजिक व आर्थिक विकास की राह में आने वाली रुकावटों को दूर करने तथा योजनाओं/कार्यक्रमों के क्रियांवयन के सतत अनुश्रवण, मूल्यांकन, व पुनरावलोकन करने के उद्देश्य से राज्य योजना मंडल का गठन 24 अक्टूबर, 1972 को एक संकल्प के द्वारा किया गया था। राज्य योजना मंडल का 21 सितंबर, 2007 को नाम परिवर्तित कर राज्य योजना आयोग किया गया तथा फरवरी, 2020 में इसका नाम केंद्रीय नीति आयोग की तरह राज्य नीति एवं योजना आयोग कर दिया गया।
टिप्पणी: केंद्र सरकार ने पूर्व योजना आयोग के स्थान पर उसी के अनुरूप नीति आयोग [National Institution for Transforming India (NITI Aayog)] की स्थापना 1 जनवरी, 2015 को की गई। पूर्व योजना आयोग की स्थापना 15 मार्च, 1950 को की गई थी।
विशेष: नीति आयोग के प्रथम उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया थे तथा वर्तमान में डॉ. सुमन के बेरी इसके उपाध्यक्ष हैं और नीति आयोग के प्रथम CEO सिंधु श्री खुल्लर थे जबकि वर्तमान में परमेश्वर अय्यर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) है।
अति विशिष्ट तथ्य: योजना आयोग के प्रथम अध्यक्ष तत्कालीन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू थे। मध्य प्रदेश राज्य योजना मंडल के प्रथम अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री प्रकाश चंद्र सेठी एवं उपाध्यक्ष उज्जैन निवासी सोमपाल शास्त्री थे।
18. मध्य प्रदेश में राज्य नीति आयोग का पदेन अध्यक्ष कौन होता है?
(a) राज्यपाल
(b) मुख्यमंत्री
(c) नेता प्रतिपक्ष
(d) मुख्य सचिव
व्याख्या: (b) राज्य नीति एवं योजना आयोग का अध्यक्ष राज्य का पदेन मुख्यमंत्री होता है तथा एक उपाध्यक्ष भी होता है। इसके अतिरिक्त राज्य नीति एवं योजना आयोग के सदस्यों में मध्य प्रदेश शासन के वित्त एवं योजना आयोग के मंत्री, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मंत्री, मुख्य सचिव, अनुसूचित जनजाति प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन वित्त प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति प्रमुख सचिव, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग प्रमुख सचिव तथा 5 अंशकालिक सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान है।
टिप्पणी: वर्तमान में मध्य प्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के अध्यक्ष श्री शिवराज सिंह चौहान और उपाध्यक्ष श्री सचिन चतुर्वेदी है।
19. मध्य प्रदेश राज्य नीति व योजना आयोग के कार्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(a) राज्य के संसाधनों का आंकलन एवं इनके समुचित उपयोग हेतु योजनायें तैयार करना।
(b) जिला योजना तैयार करने एवं इसको राज्य की योजना में सम्मिलित करने हेतु जिला योजना अधिकारियों को सहायता प्रदान करना।
(c) केंद्र की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करने वाले कारणों का पता लगाना एवं क्षेत्रीय असामानताओं को दूर करने हेतु सुझाव देना।
(d) योजना कार्यक्रमों के क्रियांवयन की प्रगति का पुनरावलोकन, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण करना और आवश्यकतानुसार नीतियों / उपायों में ऐसे समायोजनों की अनुशंसा करना ।
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश राज्य नीति व योजना आयोग के कार्य-
राज्य के संसाधनों का आंकलन एवं इनके समुचित उपयोग हेतु योजनायें तैयार करना।
जिला योजना तैयार करने एवं इसको राज्य की योजना में सम्मिलित करने हेतु जिला योजना अधिकारियों को सहायता प्रदान करना।
राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करने वाले कारणों का पता लगाना एवं क्षेत्रीय असामानताओं को दूर करने हेतु सुझाव देना।
योजना कार्यक्रमों के क्रियांवयन की प्रगति का पुनरावलोकन, मूल्यांकन एवं अनुश्रवण करना और आवश्यकतानुसार नीतियों/ उपायों में ऐसे समायोजनों की अनुशंसा करना ।
योजनाओं की प्राथमिकतायें निर्धारित करना और योजनाओं की स्वीकृति हेतु अनुशंसा करने के लिये गठित विभिन्न वित्तीय समितियों की बैठकों में भाग लेकर योगदान देना।
20. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के तीसरे अध्यक्ष न्यायमूर्ति जे. एस. वर्मा का संबंध मध्य प्रदेश के किस जिले से है ?
(a) जबलपुर
(b) इंदौर
(c) सतना
(d) बालाघाट
व्याख्या: (c) जे.एस. वर्मा का जन्म मध्य प्रदेश के सतना जिले में 18 जनवरी, 1933 को हुआ था।
जे. एस. वर्मा वर्ष 1973 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश तथा वर्ष 1986 में मुख्य न्यायाधीश बने। इसके पश्चात वर्ष 1989 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और वर्ष 1997 में भारत के 11 वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए।
न्यायमूर्ति जे. एस. वर्मा वर्ष 1999 से 2003 तक राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के तीसरे अध्यक्ष भी रहे हैं।
टिप्पणी: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन 12 अक्टूबर, 1993 को हुआ था, जिसमें अध्यक्ष एवं 5 पूर्णकालिक सदस्य और 7 पदेन सदस्य होते हैं। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गठित 6 सदस्यीय समिति की सिफारिश पर होती है। इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, दोनों सदनों के विपक्ष दल के नेता व केंद्रीय गृहमंत्री सम्मिलित होते हैं।
विशेष: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एक बहुसदस्यीय निकाय है। इस आयोग का अध्यक्ष भारत का कोई भी सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या एक उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए। आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष अथवा 70 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) का होता है।
21. मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग का गठन सर्वप्रथम कब किया गया ?
(a) 13 सितंबर, 1995
(b) 13 अक्टूबर, 1995
(c) 13 नवंबर, 1995
(d) 13 दिसंबर, 1995
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग का गठन मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा-21 के तहत 13 सितंबर, 1995 को किया गया है। राज्य मानवाधिकार आयोग केवल उन्ही मामलों में मानव अधिकारों के उल्लंघन की जांच कर सकता है, जो संविधान की राज्य सूची (सूची-II) एवं समवर्ती सूची (सूची-III) के अंतर्गत आता है। लेकिन यदि इस प्रकार के किसी भी मामले की जांच पहले से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग या किसी अन्य विधिक निकाय द्वारा की जा रही है तब राज्य मानवाधिकार आयोग ऐसे मामलों की जांच नहीं कर सकता है।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग एक स्वायत्त संस्था है, जिसका मुख्यालय भोपाल में स्थित है।
22. मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग में कुल कितने सदस्य सम्मिलित होते हैं?
(a) 5
(b) 7
(c) 4
(d) 3
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग एक बहुसदस्यीय निकाय है, जिसमें कुल 4 सदस्य होते हैं। 1 अध्यक्ष तथा 2 अन्य सदस्य एवं 1 सचिव राज्य मानव अधिकार आयोग की संरचना में सम्मिलित होते हैं, जिनकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है। इस आयोग का अध्यक्ष उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश या एक न्यायाधीश तथा सदस्य उच्च न्यायालय का सेवा निवृत्त या कार्यरत न्यायाधीश होता है। राज्य के जिला न्यायालय का कोई न्यायाधीश, जिसे 7 वर्ष का अनुभव हो या कोई ऐसा व्यक्ति जिसे मानव अधिकारों के बारे में विशेष अनुभव हो, वे भी इस आयोग के सदस्य बन सकते है।
23. मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के नामों की सिफारिश करने वाली समिति में कौन शामिल नहीं है?
(a) मुख्यमंत्री
(b) विधान सभा का अध्यक्ष
(c) गृह मंत्रालय के प्रभारी
(d) राज्यपाल
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा एक समिति की अनुशंसा के आधार पर की जाती है। इस समिति में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, गृहमंत्री एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता सम्मिलित होते हैं।
24. मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत करता है?
(a) राज्यपाल
(b) राज्य सरकार
(c) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(d) भारत के मुख्य न्यायाधीश
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा-28 के अंतर्गत अपनी वार्षिक रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करता है।
25. राज्य आयोग के अध्यक्ष पद पर हुई रिक्ति की दशा में किसी एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत करने की शक्ति किसे है?
(a) उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश
(b) राष्ट्रपति
(c) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष
(d) राज्यपाल
व्याख्या: (d) मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 25 में कुछ परिस्थितियों में आयोग के सदस्यों को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने अथवा उसके कृत्यों का निर्वहन करने की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत राज्यपाल अधिसूचना द्वारा किसी एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने हेतु प्राधिकृत कर सकता है।
टिप्पणी: धारा-25- अध्यक्ष की मृत्यु, पद त्याग या अन्य कारण से उसके पद में हुई रिक्ति की दशा में राज्यपाल अधिसूचना द्वारा सदस्यों में से किसी एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में में तब तक कार्य करने के लिए प्राधिकृत कर सकेगा जब तक ऐसी रिक्ति को भरने के लिए नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो जाती।
26. मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार के अध्यक्ष व सदस्यों को उनके पद से किसके आदेश द्वारा पदमुक्त किया जा सकता है?
(a) राष्ट्रपति
(b) राज्यपाल
(c) मुख्यमंत्री
(d) उच्च न्यायालय
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों की नियुक्ति राज्य का राज्यपाल करता है, लेकिन उन्हें पद से केवल राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। राष्ट्रपति उन्हें इसी आधार पर एवं उसी तरह पद से पदमुक्त किया जाता है जिस प्रकार से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों को हटाया जाता है। राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु (दोनों में से जो पहले हो) तक होता है।
27. मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग का गठन सर्वप्रथम कब किया गया था?
(a) 22 मार्च, 1998
(b) 23 मार्च, 1998
(c) 24 मार्च, 1998
(d) 25 मार्च, 1998
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रथम गठन राज्य सरकार द्वारा दिनांक 23 मार्च 1998 को मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग अधिनियम 1995 की धारा-3 के अंतर्गत किया गया। यह आयोग 7 सदस्यीय है। राज्य सरकार ने अशासकीय में से अध्यक्ष को मंत्री तथा अन्य सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा दिया है। राज्य महिला आयोग ऐसा अधिकार पूर्ण निकाय है जिसकी सिफारिशों को सरकार अस्वीकार नहीं कर सकती है।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन राज्य सरकार को देता है तथा मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष व सदस्य है। अपना इस्तीफा भी राज्य सरकार को देते हैं।
विशेष: मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की प्रथम अध्यक्ष हेमवती पोतें थी।
28. मध्य प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 22 मई, 2007
(b) 22 जून, 2007
(c) 22 जुलाई, 2007
(d) 22 दिसंबर, 2007
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 (वर्ष 2006 का अधिनियम संख्यांक-4) 20 जनवरी, 2006 को राजपत्र में प्रवृत्त किया गया था, जिसकी धारा-17 के अधीन राज्य सरकार को राज्य बालक अधिकार संरक्षण आयोग के गठन को उपबंधित किया गया तथा राज्य आयोग को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और उसे सौंपे गए कृत्यों का पालन करने के लिए दायित्व दिया गया। 22 दिसंबर, 2007 को बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा-36 की उपधारा (1) तथा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग नियम, 2007 मध्य प्रदेश राजपत्र में प्रवृत्त किए गए।
29. मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 29 जून, 1995
(b) 30 जून, 1995
(c) 29 जुलाई, 1995
(d) 30 जुलाई, 1995
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के गठन की स्वीकृति राज्यपाल द्वारा 24 मई 1995 को प्राप्त हुई थी तथा 29 जून, 1995 को सर्वप्रथम इसका गठन किया गया था। इस आयोग में अध्यक्ष एवं 2 अशासकीय सदस्य होते हैं। आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास एवं आयुक्त जनजाति विकास मध्य प्रदेश के पदेन सदस्य हैं। आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है तथा इनकी सेवा शर्ते वेतन भत्ते व पेंशन का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
30. मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कब किया गया?
(a) वर्ष 1992
(b) वर्ष 1994
(c) वर्ष 1993
(d) वर्ष 1995
व्याख्या: (c) भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 1990 में इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार मामले (अन्य विरुद्ध भारत का संघ) में दिए गए निर्देश के पालन में मध्य प्रदेश शासन द्वारा 13 मार्च, 1993 को राज्य स्तरीय मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया, जिसकी अधिसूचना मध्य प्रदेश राजपत्र में दिनांक 15 मार्च, 1993 में प्रकाशित की गई।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के प्रथम अध्यक्ष श्री वसंत राव उडके थे, जिनका कार्यकाल 31 मार्च, 1993 से 17 जनवरी, 1996 तक था।
31. मध्य प्रदेश में महाजन आयोग की अनुशंसा के आधार पर पिछड़ा वर्ग कल्याण संचालनालय की स्थापना कब की गई?
(a) 12 सितंबर, 1982
(b) 12 अक्टूबर, 1982
(c) 12 नवंबर, 1982
(d) दिसंबर, 1982
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश में महाजन आयोग की अनुशंसा के आधार पर पिछड़ा वर्ग कल्याण संबंधित कार्यक्रमों को संचालित करने के उद्देश्य से सर्वप्रथम 12 अक्टूबर, 1982 को संचालनालय पिछड़ा वर्ग कल्याण की स्थापना की गई थी तथा पिछड़ा वर्गों तथा अल्पसंख्यकों के विकास की गति तीव्र करने की दृष्टि से 12 सितंबर, 1995 को पृथक से पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का गठन किया गया।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को प्रभावी बनाने के लिये मध्य प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन संबंधी प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इस आयोग में 5 अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति ऐसे व्यक्तियों में से की जायेगी, जो पिछड़े वर्गों से संबंधित मामलों का ज्ञान रखते हों तथा उनके कार्य के लिये जाने जाते हों। इन नियुक्त 5 सदस्यों में से अध्यक्ष के रूप में 1 सदस्य तथा 1 अन्य सदस्य उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जायेगा। अध्यक्ष और कम-से-कम 2 अन्य सदस्य पिछड़े वर्ग से संबंधित व्यक्ति होंगे और कम से कम 1 सदस्य महिलाओं में से भी नियुक्त किया जायेगा।
32. मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 22 अगस्त, 2005
(b) 12 अक्टूबर, 2005
(c) 12 अक्टूबर, 1982
(d) 22 नवंबर, 2005
व्याख्या: (a) सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जम्मू-कश्मीर राज्य को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ था। वर्तमान में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 संपूर्ण भारत लागू है। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाना तथा लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये प्रतिबद्ध तरीके से सूचना को जनता तक पहुंचाना है। सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 की धारा-15 के अनुसार प्रत्येक राज्य सरकार को राज्य स्तर पर राज्य सूचना आयोग का गठन करना आवश्यक है। मध्य प्रदेश में राज्य सूचना आयोग का गठन अधिसूचना क्रमांक F-11-11/05/1/9 के आधार पर 22 अगस्त, 2005 को किया गया। राज्य सूचना आयोग का मुख्यालय राज्य की राजधानी भोपाल में स्थित है।
टिप्पणी: 22 जुलाई, 2012 से मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग का मुख्यालय सूचना भवन 35/B अरेरा हिल्स, भोपाल में स्थापित किया गया है।
विशेष: मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग को सूचना संबंधी आवेदनों और अनुरोधों का निराकरण 30 दिनों में करना अनिवार्य है किंतु यदि ऐसी सूचना किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से संबंधित है, तो संबंधित आवेदन का निपटारा 48 घंटे के अंदर किया जाता है।
33. मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है?
(a) राज्यपाल
(b) राष्ट्रपति
(c) मुख्यमंत्री
(d) मुख्य सचिव
व्याख्या: (a) सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा-15 के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और 10 राज्य सूचना आयुक्त होते हैं, जिनकी नियुक्ति एक समिति की सिफारिश के बाद राज्यपाल द्वारा की जाती है। इस समिति का अध्यक्ष, राज्य का मुख्यमंत्री होता है तथा इसमें राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री द्वारा नामित राज्य का एक कैबिनेट मंत्री शामिल होता है। इस पद पर नियुक्त होने वाले व्यक्ति को सार्वजनिक जीवन में श्रेष्ठतम व्यक्ति होना चाहिए और उसके पास लाभ का कोई अन्य पद नहीं होना चाहिए तथा वह किसी भी राजनैतिक दल के साथ या किसी भी व्यापार या किसी पेशे से नहीं जुड़ा हुआ होना चाहिए।
35. मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त के कार्यकाल की पदावधि होती है?
(a) 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो)
(b) 3 वर्ष या 70 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो)
(c) 5 वर्ष या 75 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो)
(d) 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो)
व्याख्या: (b) राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एवं अन्य आयुक्तों की पदावधि, वेतन, भत्ते और सेवा के अन्य निबंधन व शर्ते नियम, 2019 के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य मुख्य सूचना आयुक्त 3 वर्षों की पदावधि या 70 वर्ष की अवधि जो भी पहले हो के लिए पद धारण करेगा। उसे पुनर्नियुक्ति की पात्रता नहीं होगी। राज्य मुख्य सूचना आयुक्त का दर्जा केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त के समकक्ष रखा गया है। उन्हें देय वेतन एवं भत्ते सेवा की अन्य शर्तें निर्वाचन आयुक्त के समान प्राप्त होगी। उच्चतम न्यायालय की जांच के बाद राज्यपाल के आदेश से ही राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और अन्य आयुक्तों को दुर्व्यवहार व असमर्थता के आधार पर हटाया जा सकता है।
36. मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त कौन थे?
(a) श्री पद्मपाणि तिवारी
(b) श्री इकबाल अहमद
(c) श्री के. डी. खान
(d) श्री टी. ए. श्रीवास्तव
व्याख्या: (d) राज्य मुख्य सूचना आयुक्तों की सूची:
क्र.
नाम
कार्यकाल
1.
श्री टी. एन. श्रीवास्तव
14.10.2005 से 31.10.2006
2.
श्री पद्मपाणि तिवारी
26.03.2007 से 25.03.2012
3.
श्री इकबाल अहमद
14.08.2012 से 31.12.2012
4.
श्री के.डी. खान
11.02.2014 से 10.02.2019
5.
श्री अरविंद कुमार शुक्ला
30.03.2019 से अब तक
37. मध्य प्रदेश में लोकायुक्त संगठन की स्थापना किस वर्ष की गई ?
(a) वर्ष 1982
(b) वर्ष 1984
(c) वर्ष 1980
(d) वर्ष 1985
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की स्थापना फरवरी 1982 में मध्य प्रदेश लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम, 1981 के तहत की गई। राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग की विभिन्न अनुशंसाओं के आधार पर वर्ष 1975 में मध्य प्रदेश राज्य विधानसभा में इसे पारित किया गया, परन्तु केंद्र सरकार द्वारा लोकपाल विधेयक ने किये गए कतिपय परिवर्तन विचाराधीन होने के कारण इस पर राष्ट्रपति की स्वीकृति नहीं प्राप्त हो सकी। भारत सरकार के निर्णय को आधार बनाते हुए संशोधित विधेयक वर्ष 1980 में पुन: विधानसभा में पेश किया गया तथा अप्रैल, 1981 में विधेयक पारित होने तथा उस पर सितंबर, 1981 में राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात उक्त विधेयक अधिनियम के रूप में लागू हुआ तथा फरवरी, 1982 में राज्य शासन की अधिसूचना द्वारा उसे प्रभावशाली किया गया।
टिप्पणी: राज्य सतर्कता आयोग, मध्य प्रदेश के स्थान पर लोकायुक्त की स्थापना की गई। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त अपनी वार्षिक रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपता है, जिसे विधानसभा पटल पर प्रस्तुत कर चर्चा की जाती है। इसलिये यह संगठन विधायिका द्वारा कार्यपालिका पर नियंत्रण के साधन के रूप में जाना जाता है, जो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण एवं जांच करने का कार्य करता है।
38. मध्य प्रदेश के प्रथम लोकायुक्त कौन थे?
(a) न्यायमूर्ति पी. के. तारे
(b) न्यायमूर्ति जी. पी. सिंह
(c) न्यायमूर्ति पी. वी. दीक्षित
(d) न्यायमूर्ति फैजुद्दीन
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश के प्रथम लोकायुक्त श्री पी. बी. दीक्षित थे। मध्य प्रदेश के प्रथमं उप लोकायुक्त श्री आर.जे. भावे थे। मध्य प्रदेश के वर्तमान लोकायुक्त श्री नरेश कुमार गुप्ता तथा उप लोकायुक्त प्रशासनिक श्री उमेश चंद्र महेश्वरी तथा श्री एस. के. पालो हैं।
39. मध्य प्रदेश राज्य सतर्कता आयोग की स्थापना कब की गई थी?
(a) वर्ष 1963
(b) वर्ष 1964
(c) वर्ष 1965
(d) वर्ष 1966
व्याख्या: (b) यह संस्था लोकायुक्त संगठन की स्थापना के पूर्व से चली आ रही है। मार्च, 1964 को विधिवत रूप से राज्य सतर्कता आयोग की स्थापना की गई। अधिसूचना के अनुसार राज्य स्तर पर राज्य सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति के अतिरिक्त संभाग स्तर पर संभागीय सतर्कता मंडलों तथा जिला स्तर पर जिला सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान भी रखा गया था। राज्य सतर्कता आयोग की स्थापना मात्र कार्यपालिका आदेश द्वारा की गई थी अतः यह देखा गया कि आयोग कार्यपालिका के प्रभाव से स्वतंत्र होकर काम नहीं कर सकता। यह आयोग अपने कार्य में इस कारण भी कम प्रभावी हो गया है। कि आयोग द्वारा अपने प्रतिवेदन राज्य सरकार को ही प्रस्तुत किए जाते थे तथा आगे की कार्यवाही राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करती थीं।
40. राज्य खाद्य आयोग की स्थापना किस कानून के अंतर्गत होती है?
(a) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
(b) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2019
(c) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2020
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
व्याख्या: (a) प्रत्येक राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के कार्यांवयन की निगरानी करने और उसका पुनर्विलोकन करने के प्रयोजन के लिए राज्य खाद्य आयोग का गठन कर सकेगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चिंहांकित हितग्राहियों को खाद्य सुरक्षा के लिए पात्र गृहस्थियों के व्यक्तियों को सहायता प्राप्त कीमतों पर खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषाहार सहायता, बालकों को पोषणीय सहायता, बालक कुपोषण का निवारण और प्रबंध एवं मातृत्व कल्याण योजना के अंतर्गत अधिकार दिए गए हैं।
41. मध्य प्रदेश खाद्य संरक्षण आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 21 जून, 2017
(b) 21 अगस्त, 2017
(c) 21 जुलाई, 2017
(d) 21 सितंबर, 2017
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा-16 के प्रावधान अनुसार 21 जुलाई, 2017 को मध्य प्रदेश खाद्य संरक्षण आयोग का गठन किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत मध्य प्रदेश खाद्य सुरक्षा नियम, 2017 बनाये गए हैं। आयोग द्वारा 22 जुलाई, 2017 को भोपाल से कार्य प्रारंभ किया। इस आयोग को चार योजनाओं क्रमश: सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पूरक पोषण आहार कार्यक्रम, मध्याह भोजन एवं मातृत्व कल्याण योजना के मूल्यांकन एवं समीक्षा का दायित्व प्रदान किया गया है।
42. मध्य प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था की स्थापना कब की गई?
(a) 6 नवंबर, 2006
(b) 1 अक्टूबर, 2011
(c) 6 दिसंबर, 2006
(d) 1 नवंबर, 2011
व्याख्या: (a) मध्य प्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण का पंजीयन 6 नवंबर, 2006 को किया गया था। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात व विकास प्राधिकरण, नई दिल्ली से इस संस्था को 1 अक्टूबर, 2011 से राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के अंतर्गत जैविक प्रमाणीकरण हेतु अधिमान्यता प्रदान की गई है।
43. मध्य प्रदेश में सर्वप्रथम राज्य वित्त आयोग का गठन कब किया गया था?
(a) 25 जनवरी, 1994
(b) 25 फरवरी, 1994
(c) 25 जनवरी, 1995
(d) 25 फरवरी, 1995
व्याख्या: (d) स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से मजबूत करने के लिये 73वें संविधान संशोधन में प्रत्येक राज्य हेतु एक वित्त आयोग के गठन को प्रावधान किया गया है। वित्त आयोग का गठन राज्यपाल के द्वारा 73वें संविधान संशोधन के प्रारंभ में एक वर्ष के भीतर तथा उसके बाद प्रत्येक 5 वर्ष के अवसान पर किया जाना उपबंधित है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-243 (I) और 243 (Y) तथा 17 जून, 1994 को मध्य प्रदेश राज्य वित्त आयोग अधिनियम 1994 की धारा- (3) के प्रावधानों के अनुसरण में मध्य प्रदेश के राज्यपाल की अनुशंसा के आधार पर सर्वप्रथम मध्य प्रदेश राज्य वित्त आयोग का गठन 25 फरवरी, 1995 को अधिसूचना क्रमांक 32-IV-B-FCC-95 के द्वारा किया गया था, जिसका कार्यकाल अप्रैल, 1996 से मार्च, 2001 तक था।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश के राज्य वित्त आयोग का गठन करने वाला भारत का प्रथम राज्य था, जिसका अध्यक्ष भूतपूर्व केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री डॉ. सवाईसिंह सिसोदिया एवं सचिव श्री अमिय कुमार दत्ता को बनाया गया था। इसके अतिरिक्त डॉ. सी. एस. मिश्रा व डॉ. वी. सी. डेविड को सदस्य नियुक्त किया गया था।
विशेष: वर्ष 1994 में राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत अध्यक्ष व अन्य 2 सदस्यों की नियुक्ति का प्रावधान था, किंतु राज्य शासन ने पुनश्च 16 अक्टूबर, 1995 को अधिसूचना जारी कर मध्य प्रदेश राज्य वित्त आयोग के स्वरूप में परिवर्तन करते हुए 5 सदस्यीय आयोग गठित किया था।
44. मध्य प्रदेश राज्य वित्त आयोग अधिनियम, 1994 को राज्यपाल द्वारा स्वीकृति कब प्राप्त हुई थी?
(a) 5 मार्च, 1992
(b) 5 मार्च, 1993
(c) 5 मार्च, 1994
(d) 5 अप्रैल, 1994
व्याख्या: (c) मध्य प्रदेश राज्य वित्त आयोग अधिनियम, 1994 को राज्यपाल द्वारा 5 मार्च, 1994 को स्वीकृति प्राप्त हुई थी तथा 7 मार्च, 1994 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। इसके अतिरिक्त इसमें 11 अक्टूबर, 1995 को राज्यपाल द्वारा संशोधन स्वीकृति तथा 16 अक्टूबर, 1995 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया।
45. संचालनालय, कोष एवं लेखा मध्य प्रदेश की स्थापना कब की गई?
(a) 2 अक्टूबर, 1964
(b) 2 नवंबर, 1964
(c) 2 दिसंबर, 1964
(d) 2 सितंबर, 1964
व्याख्या: (a) संचानालय कोष एवं लेखा मध्य प्रदेश की स्थापना 2 अक्टूबर, 1964 को हुई थी, यह वित्त विभाग की मुख्य गतिविधियों में राजकोष प्रशासकीय नियंत्रण, वेतन निर्धारण, लेखा प्रशिक्षण, आंतरिक लेखा परीक्षण, पेंशन भुगतान राज्य शासन के भुगतान एवं प्राप्तियों के लेखांकन के अतिरिक्त मध्य प्रदेश वित्त सेवा अधिनस्थ लेखा सेवा तथा मध्य प्रदेश कोषालिन, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं का प्रबंधन करता है।
46. मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण की स्थापना कब हुई थी?
(a) वर्ष 1982
(b) वर्ष 1984
(c) वर्ष 1985
(d) वर्ष 1987
व्याख्या: (c) संविधान के अनुच्छेद-323 में केंद्र तथा राज्यों की लोक सेवाओं तथा पदों पर नियुक्तियों तथा सेवा भर्ती से उत्पन्न विवादों का समाधान करने के लिए प्रशासनिक अधिकरण नियुक्त करने का प्रावधान है। इसी उपबंध के तहत प्रशासनिक अधिकरण अधिनियम, 1985 अधिनियमित किया गया। केंद्र के लिए केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण तथा राज्य के लिए राज्य प्रशासनिक अधिकरण की व्यवस्था की गई।
वर्ष 1985 में जबलपुर में मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक अधिकरण की स्थापना हुई। इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मध्य प्रदेश के राज्यपाल के परामर्श से की जाती है। लोक सेवकों की सुविधा के लिए मध्य प्रदेश में भोपाल, ग्वालियर, इंदौर में भी राज्य प्रशासनिक अधिकरण की पीठ स्थापित कर दी गई है।
47. मध्य प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 22 अक्टूबर, 1996
(b) 23 अक्टूबर, 1996
(c) 24 अक्टूबर, 1996
(d) 25 अक्टूबर, 1996
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1996 के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन 23 अक्टूबर, 1996 को किया गया। इस आयोग का मुख्यालय भोपाल है। इस आयोग में अशासकीय सदस्यों के रूप में एक अध्यक्ष और चार सदस्यों के पद स्वीकृत हैं, जिनका कार्यकाल तीन वर्ष होता है।
टिप्पणी: मध्य प्रदेश में अल्पसंख्यकों के लिए पृथक से वित्त एवं विकास के लिए 29 सितंबर, 1994 को मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम की स्थापना की गई है।
48. मध्य प्रदेश की पर्यावरण नीति के निर्धारण एवं उसके क्रियांवयन के लिए पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (APCO) की स्थापना कब की गई?
(a) 5 मार्च, 1981
(b) 5 अप्रैल, 1982
(c) 5 मई, 1981
(d) 5 जून, 1981
व्याख्या: (d) राज्य की पर्यावरणीय नीति के निर्धारण एवं उसके क्रियांवयन में पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एप्को की स्थापना 5 जून, 1981 को की गई। इस संगठन का मुख्यालय राज्य की राजधानी भोपाल में है। एप्को पर्यावरण के मुद्दों पर एक प्रतिष्ठित थिंक टैंक के रूप में विकसित हो चुका है। एक स्वशासी संस्था के रूप में इसने कई नवाचारी कार्य किये है। इन कार्यों में जनसमुदाय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता निर्माण करना और प्रदेश सरकार के साथ मिलकर विभिन्न परियोजनाओं जैसे कार्य शामिल है। एप्को जो कि जलवायु परिवर्तन मुद्दों पर राज्य नोडल एजेंसी घोषित हो चुका है, यह अपने पचास एकड़ के हरित परिसर से कार्य करता है जिसे पर्यावास परिसर कहा जाता है। इस परिसर की बुनियाद वर्ष 1981 में रखी गयी थी।
टिप्पणी: पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एप्को) के अध्यक्ष राज्यपाल तथा उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री तथा पर्यावरण मंत्री, मध्य प्रदेश शासन हैं। राज्य की पर्यावरण नीति के क्रियान्वयन में यह संस्था एक परामर्शी की भूमिका निभाती है। इस संस्था का प्रबंधन शासी परिषद द्वारा किया जाता है जिसके अध्यक्ष महानिदेशक एप्को हैं। राज्य शासन के वित्त विभाग एवं वन विभाग के सचिव, पर्यावरण मंत्रालय, भारत शासन के प्रतिनिधि, संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, अध्यक्ष मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कुलपति बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के साथ ही एक विख्यात पर्यावरणविद् भी शासी परिषद के सदस्य हैं। कार्यपालन संचालक, एप्को इसके सदस्य सचिव हैं।
49. मध्य प्रदेश राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग का गठन किस वर्ष किया गया?
(a) वर्ष 2019
(b) वर्ष 2020
(c) वर्ष 2021
(d) वर्ष 2018
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश शासन द्वारा आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के दृष्टिगत प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों के कल्याण, रोजगार कौशल विकास आदि के विषय में सुझाव हेतु मध्य प्रदेश श्रमिक आयोग का गठन वर्ष 2020 में किया गया है। इस आयोग का कार्यकाल सामान्यतया 2 वर्ष होगा, जिसे राज्य शासन आवश्यकतानुसार संशोधित कर सकेगा। इस आयोग का क्षेत्र संपूर्ण मध्य प्रदेश राज्य होगा।
टिप्पणी: 'प्रवासी श्रमिक' से आशय मध्य प्रदेश के ऐसे मूल निवासी से है, जो अन्य राज्य में श्रमिक के रूप में कार्य कर रहे थे तथा मार्च, 2020 या उसके बाद मध्य प्रदेश में वापस लौटे हैं। 'परिवार' से आशय प्रवासी श्रमिक के परिवार से है जिसमें पति/पत्नी, पुत्र, पुत्री, आश्रित माता-पिता सम्मिलित हैं। "हितलाभ" से आशय प्रवासी श्रमिकों को राज्य शासन को विभिन्न योजनाओं एवं राज्य या केंद्र के अधिनियमों में प्राप्त होने हितलाभ से है।
विशेष: मध्य प्रदेश में श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा और कल्याण हेतु वर्ष 1987 में मध्य प्रदेश श्रम कल्याण मंडल का गठन किया गया तथा 1 अक्टूबर, 2008 को इसका पुनर्गठन किया गया। मध्य प्रदेश में भवन एवं अन्य निर्माण में संलग्न श्रमिकों के कल्याण के लिए मध्य प्रदेश भवन एवं संनिर्माण कल्याण मंडल का गठन 9 अप्रैल, 2003 को किया गया।
50. मध्य प्रदेश राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 14 अप्रैल, 2010
(b) 14 मई, 2010
(c) 14 जून, 2010
(d) 14 जुलाई, 2010
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश में 28 जनवरी, 2008 को मध्य प्रदेश राज्य सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया है तथा 14 मई 2010 को मध्य प्रदेश समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन प्रारंभ किया गया।
51. मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग का गठन कब किया गया?
(a) 10 जनवरी, 1980
(b) 10 जनवरी, 1985
(c) 10 जनवरी, 1988
(d) 10 जनवरी, 1990
व्याख्या: (d) मध्य प्रदेश राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग का गठन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत 10 जनवरी, 1990 को स्थापित हुआ, जिसके प्रथम अध्यक्ष न्यायमूर्ति वाई. बी. सूर्यवंशी थे।
52. राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के नामों की शिफारिश करने वाली समिति में कौन शामिल है?
(a) विधानसभा अध्यक्ष
(b) राज्यपाल
(c) नेता प्रतिपक्ष
(d) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
व्याख्या: (a) और (c) दोनों उपरोक्त विकल्प के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष तथा नेता प्रतिपक्ष दोनों समिति में शामिल होते हैं।
53. वर्तमान में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में अधिकतम कितने सदस्य हैं?
(a) चार सदस्य
(b) पाँच सदस्य
(c) छः सदस्य
(d) सात सदस्य
व्याख्या: (b) मध्य प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग बहु-सदस्यीय निकाय है। यह आयोग एक अध्यक्ष व कुछ अन्य सदस्यों से मिलकर गठित होता है। वर्तमान में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग में 1 अध्यक्ष के अतिरिक्त 4 अन्य सदस्य हैं।
नोट: मध्य प्रदेश लोक सेवा सदस्य नियम 1973 के अनुसार सदस्यों की अधिकतम संख्या 7 हो सकती है।
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