मध्यप्रदेश गान
मध्यप्रदेश गान राज्य की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक महिमा का प्रतीक है। इसे 2010-11 में आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था। यह गान राज्य की विविधताओं और उसकी समृद्ध परंपराओं को उजागर करता है। गान को महेश श्रीवास्तव द्वारा लिखा गया है, संगीत सुनील झा और आदेश श्रीवास्तव ने दिया है, और इसे प्रसिद्ध गायक शान (शांतनु मुखर्जी) ने गाया है।
मध्यप्रदेश गान के बोल
गान के शब्दों में राज्य की अद्भुत प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक गौरव, और सांस्कृतिक विरासत को वर्णित किया गया है।
गान के शब्द:
मध्यप्रदेश गान के प्रमुख तथ्य
तत्व | विवरण |
---|---|
घोषणा वर्ष | 2010-11 |
रचनाकार | महेश श्रीवास्तव |
संगीतकार | सुनील झा, आदेश श्रीवास्तव |
गायक | शान (शांतनु मुखर्जी) |
गान की थीम | राज्य की सांस्कृतिक, प्राकृतिक, और ऐतिहासिक महिमा |
प्रमुख स्थान | नर्मदा, ताप्ती, बेतवा, महाकालेश्वर, भीमबैठका, खजुराहो, चित्रकूट |
मध्यप्रदेश गान की विशेषताएँ
प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन:
गान में राज्य की नदियों (नर्मदा, ताप्ती, बेतवा) और पर्वत श्रृंखलाओं (विंध्याचल) का उल्लेख है।
ऐतिहासिक गौरव:
महाकालेश्वर मंदिर, खजुराहो की कला, और भीमबैठका के आदिकालीन शिल्पकला का उल्लेख गान को ऐतिहासिक दृष्टि से समृद्ध बनाता है।
सांस्कृतिक विविधता:
मध्यप्रदेश को 'हृदय प्रदेश' कहा जाता है, और गान में इस विविधता को कविताओं, गायन, और वीरता के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व:
गान में चित्रकूट, महाकाल, और रामायण से जुड़े स्थलों का उल्लेख है, जो धार्मिक दृष्टि से राज्य की महत्ता को दर्शाता है।
मध्यप्रदेश गान का महत्व
मध्यप्रदेश गान केवल एक गीत नहीं है; यह राज्य की भावना और गौरव को प्रदर्शित करता है। इसे विभिन्न सरकारी आयोजनों, स्कूलों, और सांस्कृतिक समारोहों में गाया जाता है। यह राज्यवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और उन्हें अपने राज्य पर गर्व करने का अवसर प्रदान करता है।
कुछ रोचक तथ्य
भीमबैठका:
यहां की शैलचित्र मानव सभ्यता के शुरुआती दिनों का प्रमाण हैं।
महाकालेश्वर:
उज्जैन में स्थित यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
खजुराहो:
खजुराहो के मंदिर अपनी अद्वितीय स्थापत्य कला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।
नर्मदा नदी:
इसे मध्यप्रदेश की जीवनरेखा कहा जाता है और यह राज्य के धार्मिक और आर्थिक जीवन का केंद्र है।
निष्कर्ष
मध्यप्रदेश गान राज्य के गौरव और इसकी विविधताओं का प्रतीक है। यह गान राज्य की अद्वितीयता को प्रस्तुत करता है और इसके प्रत्येक शब्द में मध्यप्रदेश की महानता झलकती है। यह न केवल राज्यवासियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्वितीय हिस्सा भी है।
इस गान को सुनकर हर व्यक्ति मध्यप्रदेश के सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहर से प्रेरित महसूस करता है।
FAQ: मध्यप्रदेश गान से संबंधित
1. मध्यप्रदेश गान किसने लिखा है?
महेश श्रीवास्तव ने।
2. इस गान का संगीत किसने दिया है?
सुनील झा और आदेश श्रीवास्तव ने।
3. मध्यप्रदेश गान को पहली बार कब घोषित किया गया?
2010-11 में।
4. इसे किसने गाया है?
प्रसिद्ध गायक शान (शांतनु मुखर्जी) ने।
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