मध्य प्रदेश का राजकीय पशु कौन सा है? Madhya Pradesh Ka Rajkiya Pashu

मध्य प्रदेश का राजकीय पशु

मध्य प्रदेश का राजकीय पशु "बारहसिंगा" (Swamp Deer) है। इस पशु को अंग्रेज़ी में "Swamp Deer" कहते हैं, जिसका वैज्ञानिक नाम Rucervus duvaucelii है। बारहसिंगा को राजकीय पशु के रूप में चुना गया है क्योंकि यह राज्य के वन्य जीवन और जैव विविधता का प्रमुख प्रतीक है।
Swamp-Deer
यह हिरण की एक अनोखी प्रजाति है, जो खासतौर से भारत में ही पाई जाती है और खासकर मध्य प्रदेश में इसका संरक्षण महत्वपूर्ण है। इस प्रजाति के संरक्षण के लिए कान्हा राष्ट्रीय उद्यान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बारहसिंगा का परिचय

विशेषता विवरण
सामान्य नाम बारहसिंगा (Swamp Deer)
प्रजाति ब्रेडरी प्रजाति / सरविडी
घोषित वर्ष 1981
वैज्ञानिक नाम Rucervus duvaucelii (रूसर्वस डुवाउसेली)
परिवार Cervidae
राजकीय पशु घोषित मध्य प्रदेश
मुख्य आवास दलदली और घास के मैदानों में
विशेष 2017 में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान ने भूरसिंह द बारहसिंगा नाम से अपना सुभंकरजरी किया है
मुख्य उद्यान कान्हा राष्ट्रीय उद्यान मंडला-बालाघाट
संरक्षण स्थिति संकटग्रस्त (Vulnerable)
प्रमुख आहार घास, पौधों की पत्तियाँ, और जलीय वनस्पतियाँ

बारहसिंगा का वर्णन

बारहसिंगा का नाम "बारहसिंगा" इसके अद्वितीय सींगों के कारण पड़ा है, जिसमें 12 या उससे अधिक शाखाएं होती हैं। नर बारहसिंगा के सींग सबसे महत्वपूर्ण पहचान होते हैं। यह मुख्य रूप से दलदली क्षेत्रों और घास के मैदानों में पाया जाता है, जहां पानी और वनस्पति प्रचुर मात्रा में होती है।

शारीरिक संरचना:
बारहसिंगा के शरीर की लंबाई लगभग 180 से 200 सेमी होती है, और इसका वजन 170 से 280 किलोग्राम के बीच होता है। नर बारहसिंगा के सींग बड़े और शाखाओं में विभाजित होते हैं, जो इसे अन्य हिरण प्रजातियों से अलग बनाते हैं। इसकी त्वचा हल्के भूरे से लेकर गहरे भूरे रंग की होती है, जो इसे घने जंगलों में छिपने में मदद करती है।

व्यवहार और आदतें:
बारहसिंगा एक सामाजिक पशु है, जो झुंड में रहना पसंद करता है। आमतौर पर ये झुंड में रहते हैं जिसमें नर और मादा बारहसिंगा होते हैं। इनका भोजन मुख्य रूप से घास, पौधों की पत्तियाँ और जल स्रोतों के पास उगने वाले पौधों पर निर्भर होता है। ये प्राणी शांत स्वभाव के होते हैं और दलदली क्षेत्रों में खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बारहसिंगा संरक्षण

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश का सबसे प्रमुख उद्यान है, जहाँ बारहसिंगा के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। यह उद्यान भारत का पहला बाघ और बारहसिंगा अभयारण्य भी है। यहां बारहसिंगा के लिए विशेष दलदली क्षेत्र बनाए गए हैं ताकि उनकी प्रजनन और जीवनशैली को सुरक्षित रखा जा सके। कान्हा में बारहसिंगा को स्थानीय भाषा में "हार्ड ग्राउंड बारहसिंगा" भी कहा जाता है क्योंकि यह स्थलीय बारहसिंगा है जो दलदली और घास के मैदानों में रहने का आदी होता है।

जैव विविधता के लिए बारहसिंगा का महत्व:

बारहसिंगा, मध्य प्रदेश की जैव विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक है क्योंकि यह शाकाहारी प्राणी है और घास के मैदानों और वनस्पतियों को नियंत्रित करता है। इसके संरक्षण से न केवल इस प्रजाति को बचाया जा रहा है, बल्कि यह पूरी पारिस्थितिकी तंत्र को भी सशक्त बना रहा है।

बारहसिंगा के संरक्षण की आवश्यकता:

बारहसिंगा की आबादी घटने के कारण इसे संकटग्रस्त (Vulnerable) प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। जंगलों की कटाई, मानव अतिक्रमण, और जलवायु परिवर्तन जैसे कारक इनके जीवन के लिए खतरा बन रहे हैं। मध्य प्रदेश में विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में इनके संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान विशेष रूप से बारहसिंगा के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, जहां इनके लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है।

संरक्षण के उपाय:

राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य: कान्हा राष्ट्रीय उद्यान जैसे क्षेत्रों में बारहसिंगा के लिए विशेष आवास बनाए जा रहे हैं ताकि उनकी आबादी को सुरक्षित रखा जा सके।
जागरूकता अभियान: वन्यजीव संरक्षण विभाग द्वारा बारहसिंगा के संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं।
संरक्षण प्रोग्राम: बारहसिंगा के संरक्षण के लिए विशेष प्रजनन कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसमें बारहसिंगा की प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा रहा है।

बारहसिंगा से जुड़े रोचक तथ्य

बारहसिंगा का नाम इसके सींगों में बारह शाखाओं के होने के कारण पड़ा है, लेकिन कुछ बारहसिंगा के सींगों में 14 से भी अधिक शाखाएं हो सकती हैं।
बारहसिंगा, हिरण की अन्य प्रजातियों से अलग होता है क्योंकि यह दलदली क्षेत्रों में रहना पसंद करता है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बारहसिंगा के संरक्षण के प्रयासों से इसकी आबादी में वृद्धि देखी गई है।
बारहसिंगा का मुख्य शिकार बाघ और अन्य बड़े मांसाहारी जानवर होते हैं।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश का राजकीय पशु, बारहसिंगा, राज्य की समृद्ध वन्यजीव धरोहर का प्रतीक है। इसके संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों ने इस संकटग्रस्त प्रजाति को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह न केवल राज्य का गौरव है, बल्कि भारतीय वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। बारहसिंगा के संरक्षण में लोगों की जागरूकता और सरकारी प्रयासों की निरंतरता आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस अनोखे प्राणी को देख सकें और उसकी सुंदरता का आनंद ले सकें।

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